तेलंगाना: असदुद्दीन औवैसी ने एमआईएम को विपक्ष का दर्जा के लिए ठोका दावा Bharat Rajneeti

तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटें हैं। पिछले साल हुए चुनाव में तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) को 88, कांग्रेस को 19, एआईएमआईएम को सात, तेलुगू देशम को दो, भाजपा को एक, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक को एक और निर्दलीय विधायक को एक सीट पर जीत मिली थी। हालांकि कांग्रेस पार्टी को झटका देते हुए 12 विधायकों ने टीआरएस का दामन थाम लिया है।
राज्य के विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के 18 में से अलग हुए 12 विधायकों के गुट को टीआरएस में विलय की मंजूरी दे दी। इसके साथ ही उन्हें सत्ताधारी दल के सदस्य के तौर पर पहचान मिल गई है। इससे पहले गुरुवार दिन में कांग्रेस के इस गुट ने स्पीकर से टीआरएस में विलय की अनुमति मांगी थी।
इससे पहले रेड्डी ने इस पर गौर किया था कि दल बदल के लिए कांग्रेस विधायक दल से अलग गुट के पास जरूरी दो तिहाई सदस्य हैं या नहीं। दरअसल दल बदल कानून के तहत किसी पार्टी में विलय के लिए अलग गुट के दो तिहाई सदस्य होने चाहिए। गुरुवार रात को विधानसभा से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि टीआरएस में शामिल 12 विधायकों के सत्ताधारी दल के सदस्यों के साथ बैठने की व्यवस्था कर दी गई है।