इस बार ईको फ्रेंडली योग दिवस मनाने की तैयारी में मोदी सरकार

खास बातें
- रबड़ और प्लास्टिक मुक्त योग ला रही है मोदी सरकार, योग की वेशभूषा भी खादी में होगी तैयार
- इस बार 13 करोड़ लोगों की सहभागिता का रखा है लक्ष्य, रांची में पीएम होंगे योग दिवस पर शामिल
विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने योग में हरित क्रांति लाने का फैसला लिया है। अबकी बार मोदी सरकार ईको फ्रेंडली योग दिवस मनाने जा रही है। अमर उजाला को मिली जानकारी के मुताबिक आगामी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रबड़ और प्लास्टिक मुक्त योग देखने को मिलेगा। योगासन में इस्तेमाल मैट रबड़ के स्थान पर सूती कपड़े की बनाई जाएगी। वहीं प्लास्टिक से निर्मित पदार्थों को भी योग से हटाया जाएगा। यही नहीं, योग करने वालों की वेशभूषा भी अब भारत की पहचान खादी से निर्मित होगी। लकड़ी से निर्मित योग ब्लॉक, योग मैट कवर, टोपी इत्यादि भी ईको फ्रेंडली होंगे। तमाम कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद इनके टेंडर भी जारी हो चुके हैं।
साल 2015 में पहली बार दुनिया भर में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अब तक काफी सुर्खियां बटोर चुका है। आयुष मंत्रालय के अनुसार पिछले पांच वर्ष के भीतर योग के प्रति लोगों में दिलचस्पी काफी बढ़ी है। इसका परिणाम है कि हर दिन दुनिया भर में 20 से 25 करोड़ लोग योग करते हैं। पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर करीब 10 करोड़ से ज्यादा भारतीयों ने योग किया था। इस बार 13 करोड़ लोगों की सहभागिता का लक्ष्य रखा है। रांची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून को योग दिवस पर शामिल होंगे। वहीं दिल्ली के राजपथ में भी योग दिवस मनाया जाएगा। इसी दौरान ईको फ्रेंडली योग के बारे में जानकारी दी जाएगी।
आयोजन समिति के सदस्य और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉ. बीएस रेड्डी ने बताया कि कुछ वर्ष पहले योग को लेकर यदाकदा ही बातचीत देखने को मिलती थी, लेकिन महज चंद वर्षों में स्थिति कुछ और देखने को मिल रही है। हालात यह हैं कि अब योग गुरुओं की मांग कई गुना बढ़ गई है। योग में डिग्री कोर्स के लिए युवा भी आगे आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार से ईकोफ्रेंडली योग मनाया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।
डब्ल्यूएचओ आया आगे, अब दुनिया में पहुंचाएगा योग
योग के प्रति बढ़ते लगाव को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी आगे आया है। आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर डब्ल्यूएचओ ने एक मोबाइल एप ‘यंग’ तैयार किया है। इसमें न सिर्फ योग बल्कि कार्डियक, मधुमेह, तनाव, मानसिक रोग इत्यादि के लिए किए जाने वाले योग की जानकारी देगा। साथ ही कौन कौन से आसान सही हैं और कौन से नहीं? इसके बारे में भी जानकारी मिलेगी। अनुमान है कि दुनिया के करीब 100 मिलियन लोगों तक इस ऐप के जरिये योग पहुंच सकेगा।
10-10 मिनट की वीडियो भी सिखाएंगी योग
डॉ. रेड्डी ने बताया कि सामान्य तौर पर प्रतिदिन करीब 40 मिनट तक योग कर स्वस्थ रहा जा सकता है, लेकिन भागदौड़ भरे इस जीवन में कम समय होने के कारण कई लोग इतना वक्त व्यायाम को नहीं दे पाते। इसलिए आयुष मंत्रालय अब 10, 15 और 25 मिनट की अवधि वाले योग प्रोटोकॉल वीडियो तैयार कर रहा है। इन वीडियो के जरिये कोई भी व्यक्ति योगासन के बारे में जानकारी ले सकता है। उन्होंने बताया कि ये वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया के जरिये करोड़ों लोगों तक पहुंचाए जाएंगे।