कानपुर: ट्रीटमेंट प्लांट ठप, भीषण गर्मी में 25 लाख लोगों को नहीं मिला पानी

प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : bharat rajneeti
कानपुर में गंगा बैराज में स्थापित कच्चे पानी की आपूर्ति करने वाला 20 करोड़ क्षमता वाला प्लांट बुधवार को कंपनी ने भुगतान न होने से बंद कर दिया। इस कारण 25 लाख लोगों को पानी नहीं मिल सका।
भीषण गर्मी में शहर से लेकर साउथ सिटी तक के कई मोहल्लों में छह से सात करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी। हालांकि बेनाझाबर वॉटर वर्क्स, बैराज में बने पुराने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, गुजैनी वॉटर वर्क्स और नलकूपों से आपूर्ति होती रही लेकिन प्रेशर कम होने से पेयजल किल्लत हुई।
गंगा बैराज में 20-20 करोड़ लीटर क्षमता के चार नए प्लांट लगे हैं। दो प्लांट कच्चे पानी की आपूर्ति के हैं और दो वॉटर ट्रीटमेंट के। इसमें से एक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और दो कच्चे पानी वाले प्लांट को रैमकी कंपनी संचालित करती है। जबकि एक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट जियो मिलर कंपनी संचालित करती है।
रैमकी ने भुगतान न होने पर दो महीने पहले अपने हिस्से का वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिया था। जो छह से सात करोड़ लीटर पानी शोधित करता था। इसके बंद होते ही जल निगम के निर्देश पर कच्चा पानी जियो वाले ट्रीटमेंट प्लांट में जाने लगा। रैमकी कच्चे पानी वाला एक ही प्लांट चलाती थी। जो भुगतान न होने पर बुधवार को बंद कर दिया गया।
इससे छह से सात करोड़ लीटर पानी ट्रीटमेंट प्लांट को नहीं मिल सका। शहर में पानी की भारी किल्लत हो गई। कंपनी का कहना है कि भुगतान न होने से कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं। हड़ताल पर चले गए हैं।
शासन से इन प्लांटों को संचालित करने के लिए धन नहीं मिलता है। जलकल विभाग इन प्लांटों को टेकओवर नहीं कर रहा है। ठेकेदार को नोटिस दी है। प्लांट जल्द से जल्द चलवाने की कोशिश की जा रही है। - निर्दोष जौहरी, प्रोजेक्ट मैनेजर, जल निगम
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