परीक्षा परिणाम के डर से खुदकुशी करने वाला छात्र सभी विषयों में पास निकला

प्रवण के परिवार के एक सदस्य का कहना है कि घटना के समय परीक्षा परिणाम के घोषित होने को लेकर कोई खबर नहीं आई थी। लेकिन अब प्रणव की मौत हो चुकी है और नतीजे देखने का कोई फायदा नहीं है। प्रणव के एक रिश्तेदार का कहना है कि उसका दोस्त ही उसकी मार्कशीट डाउनलोड करके लाया था। उन्होंने बताया, "प्रणव का परिवार इस खबर को सुनकर मानो टूट सा गया। उन्होंने परिणाम नहीं देखा था।"
प्रणव को लेकर उसके पिता सुनील का कहना है कि पहले वो अपने दोस्तों से मिलने गया और फिर आकर सो गया। इसके बाद शाम के करीब सात बजे वो अपने कमरे के सीलिंग फैन से लटका हुआ मिला। उसके पास कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला। उन्होंने कहा, "हमने उसपर कोई दबाव नहीं डाला। मैं चाहता था कि वो हमारे केबल के कारोबार से ही जुड़ जाए।"
आरके नगर सोसाइटी का रहने वाला प्रणव डीबीआरके मराठी-मीडियम हाई स्कूल में पढ़ता था। अब परिवार ने उसकी आंखें छत्रपति प्रमिलाताई राजे अस्पताल (सीपीआर) में दान करने का फैसला लिया है।
प्रणव के पिता ने आगे कहा, "प्रणव के अंकल ने उसे शाम को कई बार फोन किया, उसके कमरे का दरवाजा भी कई बार खटखटाया लेकिन कोई आवाज नहीं आई। इसके बाद हमने कमरे का दरवाजा तोड़ा और देखा कि वह सीलिंग फैन से लटका हुआ था। हमने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी। मेरा बेटा निरंतर पढ़ाई करता था, ट्यूशन जाता था और उसके काफी सारे दोस्त थे।"