सूचना आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा ब्योरा देने से सरकार ने किया इनकार

लेकिन सरकार के मुताबिक, फाइल में दी गई जानकारी अभी सचिवों की समिति के सामने रखी जानी है और उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया पूरी होना भी अभी बाकी है। ऐसे में आरटीआई एक्ट-2005 की धारा 8 (1) (आई) के तहत यह सब जानकारी नहीं दी जा सकती और फाइलों की टिप्पणियां पढ़ने की इजाजत भी नहीं दी जा सकती।
हालांकि कमोडोर बत्रा ने सरकार के जवाब को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 15 फरवरी को दिए गए आदेश की अवमानना करार दिया है। बत्रा का कहना है कि सर्च कमेटी को सचिवों की समिति के बराबर नहीं माना जा सकता।
30 हजार से ज्यादा मामले हैं सीआईसी में लंबित
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत सुनवाई करने वाली सर्वोच्च संस्था सीआईसी में 11 सूचना आयुक्तों के पद तय किए गए हैं, जबकि इसमें मुख्य सूचना आयुक्त समेत 7 ही सूचना आयुक्त कार्यरत हैं। सीआईसी के सामने इस समय 30 हजार से ज्यादा आवेदन लंबित हैं।