टेस्ट वोट को लेकर दंड प्रावधान पर पुनर्विचार कर सकता है चुनाव आयोग
चुनाव आयोग (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
चुनाव आयोग ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की गड़बड़ी की शिकायत झूठी पाए जाने पर मतदाता के खिलाफ केस चलाने के प्रावधान पर पुनर्विचार कर सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बुधवार को कहा कि चुनाव खत्म हो चुका है और हम आंतरिक रूप से इस पर चर्चा करेंगे कि क्या प्रावधान में संशोधन किए जाने की आवश्यकता है। हम इस पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
bharat rajneeti:- मुख्य चुनाव आयुक्त दंड प्रावधान से जुड़े एक सवाल पर जवाब दे रहे थे, जिसके बारे में कई लोगों का मानना है कि यह गैरजरूरी है। अगर कोई मतदाता दावा करता है कि ईवीएम या वीवीपैट मशीन में उसका वोट सही से रिकॉर्ड नहीं हुआ तो उसे टेस्ट वोट डालने की अनुमति मिलती है।
लेकिन अगर मतदाता इस गड़बड़ी को साबित करने में नाकाम रहता है तो चुनाव अधिकारी आईपीसी की धारा 177 के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। दरअसल, आयोग लंबे समय से कहता रहा है कि अगर दंड का प्रावधान नहीं हो तो लोग झूठे दावे कर सकते हैं। अरोड़ा ने कहा कि इस प्रावधान का इस्तेमाल बहुत बहुत दुर्लभ स्थिति में होता है। इसका मकसद ऐसे लोगों को हतोत्साहित करना है जो इस तरह की शिकायत कर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहते हैं।