10 दिन में वीजी सिद्धार्थ के पास आयकर की दर्जनों कॉल, दो उद्योगपतियों से लगातार हुई बातचीत
पुलिस को यह भी मालूम चला है कि पिछले सप्ताह वीजी सिद्धार्थ की कुछ लोगों के साथ बैठक हुई थी। यह बैठक घर या दफ्तर में नहीं, बल्कि किसी अन्य जगह रखी गई। मंगलूरू पुलिस को वीजी सिद्धार्थ के फोन की जांच में अभी तक यही जानकारी मिली है। पुलिस ने मंगलवार को सिद्धार्थ के बंगलूरू स्थित दफ्तर में पूछताछ शुरू कर दी है।
सोमवार रात से लापता थे सिद्धार्थ
मंगलूरू पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल के अनुसार, वीजी सिद्धार्थ के फोन की कॉल डिटेल्स निकाली जा रही है। प्रारंभिक जांच में केवल इतना पता चला है कि सिद्धार्थ के मोबाइल पर कई दिनों से फोन आ रहे थे। इनमें कई कॉल अननोन (अज्ञात) नंबर से हैं। दिल्ली के आयकर विभाग में कार्यरत एक अधिकारी की मानें तो वीजी सिद्धार्थ की कंपनी को लगातार नोटिस भेजे जाते रहे हैं। कई बार टेलीफोन पर भी उनके दफ्तरों में नोटिस की जानकारी दी गई। सिद्धार्थ कई बार खुद भी आईटी विभाग के मुख्यालय आए थे।
पत्र में लिखे कई उद्योगपतियों के नाम
पुलिस की जांच में सामने आया है कि मॉरीशस और सिंगापुर की कंपनियां भी वीजी सिद्धार्थ के कारोबार में बतौर प्राइवेट इक्विटी शेयर होल्डर शामिल रही हैं। इनमें एनएलएस मॉरीशश, केकेआर मॉरीशस और मरिना वेस्ट सिंगापुर आदि कंपनियां हैं। इन सभी विदेशी कंपनियों के शेयर 15 फीसदी के दायरे में हैं। पुलिस को पता चला है कि इन कंपनियों की तरफ से अपने शेयरों बाबत कोई ई-मेल सिद्धार्थ के पास नहीं आया है।
सिद्धार्थ की आखिरी बैठक किसके साथ हुई थी, पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने सिद्धार्थ की लिखी चिट्ठी को लेकर उनके दफ्तर के कई लोगों से पूछताछ की है। सिद्धार्थ ने इसमें लिखा है, 'मैंने बहुत संघर्ष किया, लेकिन एक इक्विटी पार्टनर के दबाव को और बर्दाश्त नहीं कर सकता। वह मुझ पर लगातार उन शेयरों को बाईबैक करने (वापस खरीदने) का दबाव डाल रहा है, जिसका ट्रांजैक्शन आंशिक तौर पर छह महीने पहले ही किसी दोस्त के साथ पूंजी जमा करने के लिए किया था।' सिद्धार्थ ने अपने पत्र में निवेशकों और कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से माफी मांगते हुए सरेंडर करने की बात लिखी है। उनकी कंपनी पर छह हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था।
आयकर विभाग के पूर्व डीजी सहित कई अफसरों से होगी पूछताछ
सिद्धार्थ ने आईटी विभाग की इस कार्रवाई को अनुचित बताया है।अपने पत्र में लिखा है कि इसके चलते उनके पास पैसे की कमी हो गई थी। नतीजा, सिद्धार्थ को लार्सन ऐंड ट्यूब्रो (एलएंडटी) को 3,300 करोड़ रुपये में अपने शेयर बेचने पड़े। पुलिस उन दो उद्योगपतियों की कॉल डिटेल निकाल रही है। बताया जा रहा है कि इन दोनों ने कई बार सिद्धार्थ के साथ बातचीत की है। जांच के बाद सामने आएगा कि क्या ये वही लोग हैं, जिनके अत्यधिक दबाव का जिक्र सिद्धार्थ ने अपने पत्र में किया है।