आठ अगस्त को प्रणब मुखर्जी को मिलेगा भारत रत्न, नानाजी और हजारिका को भी सम्मान

प्रणब मुखर्जी के नाम की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी थी। वहीं, भूपेन हजारिका और नानाजी अब तक 12 लोगों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया है। शुरुआत में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन बाद में साल 1955 से अब तक 12 लोगों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया है।
भूपेन हजारिका
ओ गंगा, बहती हो क्यों... समेत सैकड़ों गीत गा चुके भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर भारत में पूजे जाते हैं। असम की राजधानी गुवाहाटी में उनकी याद में मंदिर भी बनवाया गया है। हजारिका ने असमिया के साथ-साथ हिंदी, बांग्ला समेत कई अन्य भाषाओं में भी गीत गा चुके हैं, जो अब भी लोगों की जुबां पर चढ़े हुए हैं।
नानाजी देशमुख
नानाजी देशमुख भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तब उन्होंने मंत्री बनने से मना कर दिया था। वह जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के लिए कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया था।