सार्वजनिक सड़क पर निजी वाहन में होने पर भी वह सार्वजनिक स्थल ही माना जाएगा: सुप्रीम कोर्ट

रअसल, एक मामले के मुताबिक, सतविंदर सिंह अपने सहकर्मियों के साथ वर्ष 2016 में निजी वाहन से झारखंड के गिरिडीह से पटना जा रहे थे। बिहार की सीमा में घुसने के बाद एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने उनके वाहन की जांच की। जांच में वाहन से शराब तो नहीं मिली लेकिन सतविंदर की सांस का परीक्षण करने पर पता चला कि उन्होंने शराब पी रखी है। बिहार में न केवल पूर्ण शराबबंदी है बल्कि शराब पीकर राज्य की सीमा में प्रवेश करना भी अपराध है। लिहाजा उनके खिलाफ एक्साइज एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।
सतविंदर ने मुकदमे को रद्द करने के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसने निजी कार में शराब पी थी और वह भी बिहार से बाहर। ऐसे में उस पर मामला नहीं बनता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अगर निजी वाहन सार्वजनिक सड़क पर चलते हैं तो इस दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि निजी वाहन में जांच नहीं की जा सकती।