सरकारी वाईफाई ‘इंटरऑपरेबिलिटी’: एक बार लॉग-इन किया तो फिर नहीं करना पड़ेगा

सरकारी वाईफाई नेटवर्क का उपयोग तो नागरिक बहुत करते हैं, लेकिन एक एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन से दूसरे पर पहुंचने के दौरान बार-बार लॉग-इन करने का झंझट उन्हें नेटवर्क का पूरा उपयोग करने से दूर रखता है।
केंद्र सरकार इसका समाधान निकालने के लिए देश के सरकारी वाईफाई की ‘इंटरऑपरेबिलिटी’ शुरू करने की योजना बना रही है। इसके जरिये नागरिकों को देश में कहीं भी अलग अलग सरकारी वाईफाई नेटवर्क की रेंज में आने पर लॉग-इन करने के लिए बार बार अपने फोन नंबर की जानकारी और वन टाइम पासवर्ड नहीं भरने होंगे।
इस वजह से नागरिकों को सरकारी नेटवर्क पर एक ही बार लॉग-इन करना होगा। इसके बाद बीएसएनएल, एयरटेल, जियो, आदि जैसे अलग अलग प्रकार के सरकारी वाईफाई नेटवर्क उनके फोन डिवाइज की खुद पहचान करेंगे और रेंज में आने पर अपने आप कनेक्ट कर देंगे।
सरकार के इस प्रस्ताव को डिजिटल कम्युनिकेशन आयोग के अंतर-मंत्रालय पैनल की मंगलवार को होने जा रही बैठक में विचार के लिए रखा जाएगा। अभी नियमों के तहत हर बार कनेक्शन के लिए फोन नंबर व ओटीपी से लॉग-इन करना होता है, कई बार ओटीपी न मिलने से नागरिक वाईफाई का लाभ नहीं ले पाते। इसी बैठक में रिलायंस जियो के खिलाफ शिकायत मामले में भरती एयरटेल और वोडाफोन आईडिया पर प्रस्तावित 3050 करोड़ के जुर्माने पर भी विचार होगा।
सरकार का लक्ष्य
- 50 लाख सरकारी वाईफाई हॉटस्पॉट 2020 तक तैयार करना
- 1 करोड़ सरकारी वाईफाई हॉटस्पॉट 2022 देने का लक्ष्य
ये होगा फायदा
- डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा
- डाटा इनोवेशन में वृद्धि
- टेलीकॉम कंपनियों से डाटा देने बोझ कम होगा,
- कंपनियां कॉल ड्रॉप भी सुधार पाएंगी