बजट समीक्षा : समावेशी विकास को मिलेगा बढ़ावा

दिल्ली-एनसीआर के लिए ई-वाहनों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव सही समय में उठाया गया सही कदम है। कारगर तरीके से योजना लागू होने पर दिल्ली की आबोहवा पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
आरआरटीएस प्रोजेक्ट ट्रैफिक जाम कम करने के साथ लोगों को तीव्रगामी परिवहन का साधन मुहैया कराएगा। बजट में असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन देने का प्रावधान है। वहीं, अमीर लोगों पर सरचार्ज बढ़ाया गया है। इससे आर्थिक विषमता दूर करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से दूर-दराज के क्षेत्र शहरी भारत से जुड़ जाएंगे। इससे स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहुंचाना संभव होगा और आमदनी बढ़ेगी। विमानन क्षेत्र में एफडीआई का फायदा यह होगा कि यह सेक्टर आत्मनिर्भर बनने के साथ दोबारा अपने पैर पर खड़ा हो सकेगा। इससे एयर इंडिया के विनिवेश का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
रेलवे में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की आपसी भागीदारी से सुधार के संकेत भी बजट में मिला है। रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्ग में पीपीपी मॉडल सफल नहीं माना गया। यदि री-पैकेजिंग की जाती है तो आगे निवेश के रास्ते खुलेंगे।
बजट में रियल स्टेट को बढ़ावा देने के लिए देने के लिए खरीददारों को ब्याज दर में छूट दी जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में मंदी के दौर से गुजर रहे इस सेक्टर में इससे मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिसका अनुषंगी परिणाम निवेश में उछाल के तौर पर आ सकता है। लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार स्वरोजगार की प्रवृत्ति का विकास करना चाहती है। बजट में स्टार्ट-अप योजना से लघु उद्योग में उद्यमिता बढ़ेगी। 59 मिनट में लोन देने की योजना से आम लोगों को उद्यमिता की तरफ जाने की बाधा दूर करेंगे। किसान सम्मान निधि से ग्रामीण समाज के लोगों को विशेष फायदा मिलेगा।
(आर्थिक विश्लेषक व डीयू के प्रोफेसर रहे रामेश्वर चेचानी से नवनीत शरण की बातचीत पर आधारित)