एनजीटी ने ग्रेसिम इंडस्ट्रीज पर ठोका एक करोड़ रुपये का जुर्माना, यूपी के सोनभद्र का है मामला
NGT : bharat rajneeti
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर 1 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है। ग्रेसिम पर यह जुर्माना उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित उसकी फैक्ट्री में बाई-प्रॉडक्ट के तौर पर हासिल पारे का भारी मात्रा में स्टॉक जमा करने के लिए लगाया गया है। एनजीटी ने कंपनी को यह जुर्माना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पास जमा कराने का आदेश दिया, जो इस रकम का उपयोग क्षेत्र में दोबारा पर्यावरण को उचित स्तर पर लाने का काम करेगा।
एनजीटी के चेयरर्मन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने ग्रेसिम इंडस्ट्रीज को यह हानिकारक अपशिष्ट 2016 के खतरनाक कचरा प्रबंधन नियमों के मुताबिक किसी अन्य जगह पर शिफ्ट करने का आदेश भी दिया। ग्रेसिम की तरफ से 28 अगस्त, 2018 के आदेश के खिलाफ दाखिल रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई कर रही पीठ ने शिफ्टिंग का यह काम एक महीने के अंदर पूरा करने पर निगरानी रखने के लिए केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, सीपीसीबी और आईआईटी कानपुर के एक-एक प्रतिनिधि की मौजूदगी वाली संयुक्त समिति भी गठित करने का आदेश दिया।
28 अगस्त के आदेश में एनजीटी ने हानिकारक कचरे को शिफ्ट करने का निर्देश दिया था। एनजीटी ने यह आदेश उस रिपोर्ट के आधार पर दिया, जिसे ट्रिब्यूनल की तरफ से ही गठित पैनल ने तैयार किया था। पैनल ने रिपोर्ट में कहा था कि कंपनी ने 2012 में उत्पादन के दौरान बाई-प्रॉडक्ट के तौर पर भारी मात्रा में पारे की मौजूदगी वाला लवणीय कचरा हासिल किया था, जिसे फैक्ट्री परिसर में ही जमा करके रखा गया है। पैनल ने ही कंपनी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश भी की थी।