ओडिशा हाईकोर्ट के रिटायर जज सहित छह के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की चार्जशीट
ओडिशा के रिटायर जज आईएम कुद्दुसी (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ओडिशा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज आईएम कुद्दुसी और छह अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इनपर आरोप है कि इन्होंने कथित तौर पर लखनऊ के एक मेडिकल कॉलेज के मामले को निपटाने का षड्यंत्र रचने के लिए घूस ली थी। पूर्व जज के अलावा सीबीआई ने भावना पांडे, भगवान प्रसाद यादव, पलाश यादव, सुधीर गिरी, बिश्वनाथ अग्रवाल और राम देव सारस्वत के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र रचने के मामले में चार्जशीट दायर की है।
सीबीआई का आरोप है कि कुद्दुसी ने अन्य आरोपियों की सहायता से न केवल निजी मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारियों को कानूनी रूप से निर्देशित किया बल्कि उन्हें उनके पक्ष में फैसला आने का आश्वासन दिया। चार्जशीट विशेष जज अनिल कुमार सिसोदिया के समक्ष आठ जुलाई को दायर की गई है और इसे दो अगस्त को प्रेषित किया जाएगा। वकील विजय अग्रवाल जो कुद्दुसी और अन्य आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उन्होंने कहा, 'चार्जशीट में कोई भी सरकारी कर्मचारी नहीं है भ्रष्टाचार का मामला नहीं चलेगा। मेरे मुवक्किल को इसी दलील पर जमानत मिल जाएगी।'
सीबीआई ने सेवानिवृत्त जज कुद्दुसी के भुवनेश्वर, लखनऊ, दिल्ली और ग्रेटर कैलाश स्थित आवास पर छापेमारी की। सीबीआई ने कुछ लोगों के घर पर भी छापा मारा। एक हवाला डीलर जिसके जरिए एक करोड़ रुपये इकट्ठा करके दिल्ली स्थित सरकारी कर्मचारियों को मामले का निपटान करने के लिए दिए जाने थे उसके यहां भी छापेमारी की। कुद्दुसी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई को जानकारी मिली थी कि प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज उन 46 कॉलेजों में से एक हैं जिन्हें सरकार ने एक या दो सालों के लिए छात्रों को दाखिला देने से प्रतिबंधित किया हुआ है। इसकी वजह है इन कॉलेजों में मिलने वाली घटिया सुविधाएं और आवश्यक मानदंडों की पूर्ति न करना। यादव जो इस इंस्टीट्यूट को चलाते हैं उन्होंने इस प्रतिबंध को 2017 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सीबीआई को जानकारी मिली थी कि बीपी यादव मेरठ के वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज के गिरी के जरिए कथित तौर पर कुद्दुसी और पांडे के संपर्क में थे। इन्होंने मामले का निपटारा करने के लिए षड्यंत्र रचा था।