वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल को संबोधित करेंगी। यह बजट के बाद होने वाली परंपरागत बैठक है। इसमें वह बजट में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए उठाए गए कदमों सहित बजट के अन्य प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित करेंगी। फरवरी में पेश अंतरिम बजट अनुमान की तुलना में पूर्ण बजट में 6,000 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है। इससे राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.3 फीसदी पर सीमित रखने का अनुमान है। अंतरिम बजट में इसे 3.4 फीसदी पर सीमित करने का लक्ष्य था। एक अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्री निदेशक मंडल को बजट में की गई अन्य घोषणाओं से भी अवगत कराएंगी।
कर प्रस्तावों से 30,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि बजट में सुपर रिच (धनाढ्य) के आयकर पर अधिकार बढ़ाने, पेट्रोल-डीजल पर शुल्क एवं उपकर बढ़ाने और सोने एवं अन्य धातुओं पर आयात शुल्क में वृद्धि को चालू वित्त वर्ष में सरकार को सालाना 30,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। हालांकि, 400 करोड़ रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों को 25 फीसदी कॉरपोरेट कर के दायरे में लाने से 4,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा।
पेट्रोल-डीजल पर शुल्क और उपकर बढ़ाने से चालू वित्त वर्ष के बाकी नौ महीनों में 22,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इसी तरह सुपर रिच पर आयकर अधिभार बढ़ाने से 12-13 हजार करोड़ की वसूली हो सकती है।
सॉवरेन बॉन्ड से फंड जुटाने की प्रक्रिया जल्द
वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सॉवरेन बॉन्ड जारी कर विदेशी बाजारों से धन जुटाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के बजट में घोषणा की थी कि सरकार विदेशी बाजारों में विदेशी मुद्राओं में अपने सकल उधार कार्यक्रम के एक हिस्सा को बढ़ाना शुरू करेगी। उन्होंने कहा था कि जीडीपी के अनुपात में भारत का विदेशी कर्ज पांच फीसदी से कम है, जो दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे कम है। गर्ग ने बताया कि इस संबंध में नीति बन चुकी है। जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी।
एफपीआई ने जुलाई में निकाले 475 करोड़
बजट से पहले के पूर्वानुमानों और वैश्विक व्यापार तनाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजार से जुलाई के पहले सप्ताह में 475.56 करोड़ रुपये की निकासी की। इससे पूर्व पिछले पांच महीने में विदेशी निवेशकों में शुद्ध रूप से लिवाली का माहौल था। एफपीआई ने जून में 10,384.54 करोड़, मई में 9,031.15 करोड़, अप्रैल में 16,093 करोड़, मार्च में 45,981 करोड़ और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश शेयर एवं ऋण बाजार में किया था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से पांच जुलाई के बीच में एफपीआई ने शेयर बाजार में 3,710.21 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसी दौरान उन्होंने 3,234.65 करोड़ रुपये की निकासी की।
मारुति ने लगातार पांचवें महीने घटाया उत्पादन
घरेलू बाजार में नरमी को देखते हुए मारुति सुजुकी इंडिया ने लगातार पांचवें महीने जून में भी वाहनों के उत्पादन में कटौती की है। कंपनी का इस साल जून में वाहन उत्पादन 15.6 फीसदी घटकर 1,11,917 इकाई रहा। वहीं, इस अवधि में यात्री वाहनों का उत्पादन 16.34 फीसदी घटकर 1,09,641 इकाई रहा। छोटी कारों में ऑल्टो का उत्पादन 48.2 फीसदी 15,087 इकाई रहा। वहीं, कॉम्पैक्ट सेगमेंट में वैगन आर, स्विफ्ट और डिजायर का उत्पादन 1.46 फीसदी घटकर 66,436 इकाई रहा। कंपनी ने फरवरी में अपने उत्पादन में आठ फीसदी, मार्च में 20.9 फीसदी, अप्रैल में 10 फीसदी और मई में 18 फीसदी की कटौती की थी।