2005 में भारतीय वायुसेना को मिल जाती एक तकनीक तो बंदी न बनते अभिनंदन वर्तमान

लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि महज एक चूक के चलते अभिनंदन का लड़ाकू विमान पाकिस्तानी हमले का शिकार बन गया। यदि समय रहते उन्हें एंटी जैमिंग तकनीक को चालू करने का संदेश प्राप्त हो जाता, तो न तो मिग-21 क्रैश होता और न ही अभिनंदन, पाकिस्तान के बंदी बनते। दरअसल मिग-21 एंटी-जैमिंग तकनीक से संपन्न लड़ाकू विमान है। विमान का पायलट इसे तभी चालू करता है, जब उसे ऐसा करने का संदेश या आदेश प्राप्त होता है।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान के पायलट ने इसी तकनीक का इस्तेमाल करके मिग पर हमला कर दिया था। लड़ाकू विमानों की आमने-सामने की लड़ाई को डॉग फाइट कहा जाता है। जिस समय अभिनंदन डॉग फाइट कर रहे थे, उसी समय पाकिस्तान ने एंटी-जैमिंग तकनीक का उपयोग कर दिया और अभिनंदन को वापस लौटने का संदेश नहीं मिल सका। नतीजा हम सब जानते हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना लंबे समय से इस संचार सुविधा तकनीक को उन्नत बनाने की मांग कर रही है। साल 2005 में वायुसेना ने पहली बार इस तकनीक को उन्नत बनाने के लिए भारत सरकार के सामने मांग रखी थी। यदि समय रहते उसे डाटा लिंक नाम की नई तकनीक प्राप्त हो जाती तो दुश्मन देशों की एंटी जैमिंग तकनीक को विफल किया जा सकता था।
इसके बाद साल 2008 से 2012 के बीच वायुसेना ने उपलब्ध संचार प्रणाली का प्रयोग शुरू किया और सरकार से इसे खरीदने का आग्रह किया। 2013 में पंजाब के हलवारे वायुसेना बेस पर इसका परीक्षण भी किया गया। लेकिन डीआरडीओ और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने इसे खुद ही बनाने का काम शुरू कर दिया था। डीआरडीओ-बीईएल द्वारा बनाई गई प्रणाली को जब वायुसेना ने जांचा और परीक्षण किया तो वे जरूरतों पर खरे नहीं उतरे। दरअसल उन्होंने जो सेट बनाए वो इतने बड़े थे कि उन्हें लड़ाकू विमानों में फिट ही नहीं किया जा सकता था।
इसके बाद वायुसेना ने 2014 से 2016 के बीच फिर से सरकार से नई तकनीक को खरीदने का आग्रह किया, पर नतीजा सिफर रहा। सवाल यह उठाए गए कि आखिर विदेश में बनी एंटी-जैमिंग प्रणाली ही क्यों खरीदना है। इसके बाद 2017 में भारत सरकार ने वायुसेना को अंतरराष्ट्रीय बाजार से इसे खरीदने की अनुमति प्रदान कर दी। लेकिन इसकी डिलीवरी होने के पहले ही पुलवामा में हुए हमले के जवाब में वायुसेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की।
पाकिस्तानी वायुसेना ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नीयत से हमला करना चाहा पर भारतीय वायुसेना की मुस्तैदी के चलते यह हमला विफल हो गया। इतना ही नहीं पाकिस्तानी वायुसेना का एक एफ-16 लड़ाकू विमान भी भारत ने मार गिराया गया। उल्लेखनीय है कि जल्द ही वायुसेना में शामिल होने जा रहे राफेल लड़ाकू विमान तकनीकी रूप से अतिसक्षम और उन्नत हैं।