अजीत डोभालः ऑपरेशन ब्लू स्टार से 'बंदर' और 370 तक, इंदिरा हों या मोदी सबका जीता दिल - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 10 अगस्त 2019

अजीत डोभालः ऑपरेशन ब्लू स्टार से 'बंदर' और 370 तक, इंदिरा हों या मोदी सबका जीता दिल

अजीत डोभालः ऑपरेशन ब्लू स्टार से 'बंदर' और 370 तक, इंदिरा हों या मोदी सबका जीता दिल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद मोदी सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक बताया जा रहा है। जब से इस योजना पर काम शुरू हुआ, सरकार के सामने कई चुनौतियां थीं। सबसे बड़ी चुनौती थी सुरक्षा व्यवस्था की। पहले से आतंकवाद से जूझ रहे इस इलाके में सरकार के इस कदम का क्या असर होगा यह कोई नहीं जानता था।
इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई, और उन्होंने एक बार फिर खुद को सिद्ध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सबका दिल जीत लिया। यह पहला मौका नहीं है जब वह अपनी जिम्मेदारियों पर खरे उतरे हों। बल्कि ऑपरेशन ब्लू स्टार में वह डोभाल की भूमिका ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी मुरीद बना लिया था।

अजीत डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार डोभाल 30 मई 2014 से इस पद पर हैं। डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी करके के बाद उन्होंने आगरा विश्व विद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया। इसके बाद वह आईपीएस की तैयारी में लग गए। 1968 में वह केरल कैडर से आईपीएस के लिए चुने गए। 

ऑपरेशन ब्लू स्टार में अहम भूमिका, कूका पारे को मुख्यधारा में लाए

साल 1984 में 3 से 6 जून तक चले ऑपरेशन ब्लू स्टार को देश कैसे भूल सकता है। तब अमृतसर स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर पर खालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों ने कब्जा कर लिया था। इसको मुक्त कराने के लिए एक अभियान चलाया गया, जिसे नाम दिया गया ऑपरेशन ब्लू स्टार। भिंडरावाले को पाकिस्तान का समर्थन मिल रहा था। इस ऑपरेशन में अजीत डोभाल ने एक पाकिस्तानी गुप्तचर की भूमिका निभाई। देश की सेना के लिए खुफिया जानकारी जुटाई। इसकी बदौलत सेना का ऑपरेशन आसान हो गया।

भारत विरोधी कश्मीरी उग्रवादी कूका पारे उर्फ मोहम्मद यूसुफ पारे को अजीत डोभाल मुख्य धारा में लाए। पाकिस्तान प्रशिक्षित कूका पारे 250 आतंकियों को साथ लेकर पाकिस्तान के खिलाफ हो गया था। उसने जम्मू एंड कश्मीर आवामी लीग नाम की पार्टी बनाई। कूका एक बार विधायक भी बना। 2003 में एक कार्यक्रम से लौटते समय उसकी आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

पीओके में ऑपरेशन के पीछे बड़ी भूमिका, 1991 में रोमानियाई राजनयिक को बचाया

1991 में खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट द्वारा अपहृत किए गए रोमानियाई राजनयिक लिविउ राडू को बचाने की सफल योजना बनाने वाले अजीत डोभाल ही थे। डोभाल ने पाकिस्तान और ब्रिटेन में राजनयिक जिम्मेदारियां संभालीं। एक दशक तक उन्होंने खुफिया ब्यूरो की ऑपरेशन शाखा का नेतृत्व किया।

पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर आंतकियों के कैपों को नष्ट करने के ऑपरेशन के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का बड़ा हाथ है। पीओके में अंजाम दिए गए सर्जिकल ऑपरेशन में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अहम भूमिका निभाई। अजीत डोभाल कब कौन से ऑपरेशन को अंजाम देंगे इस बारे में तब ही पता चलता है जब ऑपरेशन पूरा हो जाता है। कुछ ऐसी भूमिका उन्होंने अनुच्छेद 370 के हटने में निभाई। 

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