मोदी सरकार की बड़ी योजना, 50 लाख हेक्टेयर जमीन बनाएंगे उपजाऊ, 75 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- देश में अगले 10 साल के भीतर 50 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया जाएगा।
- इससे करीब 75 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा।
- दुनिया में चालीस लाख हेक्टेयर बंजर जमीन है जिसका 29 फीसदी भारत में है।
देश में अगले 10 साल के भीतर 50 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया जाएगा। इससे करीब 75 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। क्योंकि एक हेक्टेयर ज़मीन को खेती योग्य बनाने पर डेढ़ रोजगार का सृजन होता है। यह जानकारी केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी।
दिल्ली स्थिति मीडिया सेंटर में बंजर धरती पर होने वाले संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन 'यूनाइटेड नेशंस कंवेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन' (सीसीडी कॉप-14) दो से नौ सितंबर तक सम्मेलन और 11 से 13 सिंतबर तक इससे संबधित कार्यक्रम होंगे। जिन पर इस सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। इसमें तकनीकी इस्तेमाल से ग्लोबल वार्मिग और तेजी से फैल रहे बंजरपन को रोकने की कवायद होगी। इसमें 200 देशों के प्रतिनिधि और वैज्ञानिक अपने अविष्कारों को प्रस्तुत करेंगे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, इस सम्मेलन में दिल्ली डिक्लेरेशन भी होगा। इसमें पहली बार बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए केंद्र सरकार यूनाइटेड नेशंस कंवेंशन के साथ समझौता भी करेगी। इसके अलावा देश के महत्वपूर्ण हिस्सा जो दिल्ली, पंजाब-हरियाणा को बंजर होने से रोकता है यानि अरावली हिल को लेकर भी चर्चा और इसका समाधान निकाला जाएगा। देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।
प्रकाश जावड़ेकर - फोटो : bharat rajneeti
दुनिया में चालीस लाख हेक्टेयर बंजर जमीन है जिसका 29 फीसदी भारत में है, यानी देश में कुल 169 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन है। इसे खेती योग्य बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। ग्रेटर नोएडा में होने वाले आयोजन में तीन हजार वैज्ञानिक, विषय के विशेषज्ञ समेत देशों के प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे।
यूएन सीसीडी कॉप-14 के नियम के तहत अगले दो साल तक भारत इसकी अध्यक्षता करेगा। दो सिंतबर से होने वाले सम्मेलन में 100 देशों के मंत्री शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इस दौरान बंजर भूमि को लेकर पूरी दुनिया की चिंताओं पर एक साथ चर्चा करके इसका सर्वमान्य हल सुनिश्चित किया जाएगा।
12 दिन के सम्मेलन में चार सिंतबर को दुनिया के देशों के साथ लैंगिक समानता विषय पर चर्चा होगी। क्योंकि भारत में जमीन पर बेटियों का भी हक है। 5 सिंतबर को साइंस डे होगा, जिसमें बंजर धरती को उपजाऊ बनाने के लिए दुनिया भर के शोधार्थी अपने प्रयोगों पर आधारित अनुभव को बांटेंगे। नौ सिंतबर को मंत्रीयों की बैठक होगी। इसके बाद के तीन दिन साइट इवेंट के लिए रखे गए हैं।