भारत में तय अवधि से ज्यादा रुकने पर अमेरिकी नागरिक को अदालत की फटकार

उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की, माफ करने के लिये भारत एक महान देश है। यहां हर किसी का अधिकार है लेकिन किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। यह टिप्पणी न्यायामूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति जी एस पटेल की एक पीठ ने 29 वर्षीय जोशुआ सदागुर्स्की की याचिका पर की।
सदागुर्स्की को मुंबई हवाई अड्डे से मई 2018 में वापस भेज दिया गया था।अधिकारियों को पता लगा था कि उसने इससे पहले अपनी वीजा शर्तों का ज्यादा रुक कर और देश में रोजगार कर उल्लंघन किया था जबकि उसे इसकी इजाजत नहीं दी गई थी।
भारत में 2017 से 2018 के बीच अपने पिछले दौरे के दौरान वह तय समय से ज्यादा रुका और संबंधित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय में अपने वीजा के समाप्त होने के बाद देर से पहुंचा।सदागुर्स्की अब अमेरिका में है और उसके बाद से भारत नहीं लौटा। उसने हवाईअड्डे से वापस भेजे जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।