
- सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर रोजाना सुनवाई का आठवां दिन
- रामलला विराजमान के वकील रखेंगे अपने तर्क
- सोमवार को अदालत में नहीं हो पाई थी सुनवाई
- 6 अगस्त से जारी है अयोध्या विवाद पर रोजाना सुनवाई
20.8.2019 सुनवाई के लाइव अपडेट.
11.15 AM: रामलला के वकील सीएस. वैद्यनाथन ने अदालत में बताया कि मुस्लिम पक्ष ने पहले कहा था कि जमीन के नीचे कुछ नहीं था, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि जो ढांचा मिला है वह इस्लामिक ढांचा है. उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, भूमि के नीचे मंदिर था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस रिपोर्ट पर भरोसा किया है.रामलला के वकील की तरफ से उदाहरण देते हुए कहा गया कि आज के दौर में लोग फ्लाइट ले कर सुबह सबरीमाला के दर्शन के लिए जाते हैं और शाम को लौट आते हैं. लेकिन राम जन्मभूमि को लेकर श्रद्धालु कई सदियों से यानी तब से दर्शन के लिए आते-जाते हैं, जब कि सरयू और अन्य नदियों पर कोई पुल नहीं था.
10.50 AM: अयोध्या विवाद पर अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है. रामलला विराजमान के वकील सी.एस. वैद्यनाथन अपनी दलीलें रख रहे हैं. उन्होंने अदालत में पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिले सबूत पेश किए.
अभी तक की दलीलों में रामलला के वकील की तरफ से पौराणिक, ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला दिया गया, कुछ रिपोर्ट, पुरातत्व विभाग की तस्वीरें भी साझा की. सीएस. वैद्यनाथन ने अदालत में कहा कि जन्मभूमि स्थान पर बाबरी मस्जिद से पहले मंदिर था और उसके कई साक्ष्य भी थे. सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने इस दौरान कुछ स्तंभों जिनपर भगवान के चित्र थे, उनका जिक्र किया. कुछ नक्शे भी दिखाए.
मामले की सुनवाई कर रहे जजों ने भी कई सवाल पूछे और रामलला के वकीलों से जवाब मांगे. फिर चाहे रामजन्मभूमि पर दावा करने का सबूत हो या फिर मंदिर गिराने का आदेश बाबर ने ही दिया था ऐसा कोई सबूत हो.
आपको बता दें कि मंगलवार को रोजाना सुनवाई का आठवां दिन है. 6 अगस्त तक रोजाना सुनवाई हुई, शुरुआत में निर्मोही अखाड़ा की तरफ से अदालत में अपनी दलीलों को पेश किया गया, उसके बाद से ही रामलला विराजमान के वकील अपनी बात रख रहे हैं.
SC की तरफ से आदेश दिया गया है कि कोई भी वकील जितना समय लेना चाहे वो ले सकता है, समय की कोई सीमा नहीं है. रोजाना सुनवाई से पहले अदालत ने मध्यस्थता का रास्ता भी दिया था, लेकिन उससे काम नहीं हो सका.
इस विवाद की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रही है. इसमें जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.