शाह बोले- नेहरू सेना को नहीं रोकते तो पीओके हमारा होता, पढ़ें 370 पर लोकसभा में किसने क्या कहा - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

बुधवार, 7 अगस्त 2019

शाह बोले- नेहरू सेना को नहीं रोकते तो पीओके हमारा होता, पढ़ें 370 पर लोकसभा में किसने क्या कहा

शाह बोले- नेहरू सेना को नहीं रोकते तो पीओके हमारा होता, पढ़ें 370 पर लोकसभा में किसने क्या कहा

अमित शाह-अधीर रंजन चौधरी
अमित शाह-अधीर रंजन चौधरी - फोटो : bharat rajneeti

खास बातें

  • गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 370 भारत को कश्मीर से जोड़ता नहीं, बल्कि जोड़ने से रोकता है
  • 1975 में इंदिरा ने आपातकाल लगाकर पूरे देश को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया, कश्मीर स्वर्ग था, है और रहेगा
  • अलगाववादियों से बात नहीं, चर्चा केवल घाटी के लोगों से होगी, उन्हें अपने करीब लाएंगे, पाक पेट्रोल डालता है
  • पीओक की 24 की 24 सीटें हमारा हिस्सा, घाटी के लोगों को सीने से लगाएंगे, पर हुर्रियत से नहीं करेंगे कोई बात
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 भारत को कश्मीर से जोड़ता नहीं, बल्कि जोड़ने से रोकता है। यदि नेहरू ने सेना को नहीं रोका होता तो पीओके हमारा होता। हमने पीओके पर दावा छोड़ा नहीं है। गृह मंत्री ने कांग्रेस के अधीर रंजन और मनीष तिवारी के सवालों का जवाब देते हुए कहा, कश्मीर का मसला यूएन तक नेहरू की वजह से ही पहुंचा। पाक सेना ने जब अतिक्रमण किया तो हमारी सेना आगे बढ़ रही थी लेकिन नेहरू ने यदि सेना को रोका नहीं होता तो पीओके भी हमारा हिस्सा होता।
जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश कब तक रहेगा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, जैसे ही हालात सामान्य होंगे, समीक्षा के बाद फिर पूर्ण राज्य बना दिया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष किया कि जब नेहरू ने 370 को अस्थायी बताया और इस अस्थायी व्यवस्था को भी आप 70 साल तक खत्म नहीं कर सके, तो विश्वास रखिए हमें जम्मू कश्मीर को फिर पूर्ण राज्य बनाने में कम से कम आपकी तरह 70 साल नहीं लगेंगे। शाह ने साफ किया कि 371 खत्म करने का मोदी सरकार का कोई इरादा नहीं है।

ऐतिहासिक भूल नहीं, भूल सुधार है
असदउद्दीन औवैसी के आरोपों का जवाब देते हुए शाह ने कहा, 370 खत्म करना ऐतिहासिक भूल नहीं बल्कि भूल सुधार है। 370 से क्या फायदा है, किसी ने नहीं बताया लेकिन 370 लोकतंत्र में बाधा है, गरीबी बढ़ाता है, विकास-पर्यटन को रोकता है, शिक्षा से दूर करता है, महिला, आदिवासी, दलित विरोधी है और आतंकवाद को खाद-पानी देता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति से हमने इसे खत्म किया। 370 की वजह से बाल विवाह नियंत्रण कानून कश्मीर में नहीं लागू हो पाया। 370 की वजह से देश का कानून-संविधान जम्मू कश्मीर में लागू नहीं हो पाया। अब सभी कानून लागू होंगे।

काला दिन आज नहीं तब था
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन की प्रक्रिया पर सवाल उठाने वालों से गृह मंत्री ने सवाल किया, तब आपको कुछ गलत नजर नहीं आया जब नेहरू और इंदिरा ने दो संशोधन किए। बिना चर्चा जब आंध्र का विभाजन हुआ तब भी गलत नजर नहीं आया। काला दिन आज नहीं है, काला दिन तब था, जब 1975 में आपातकाल लागू कर इंदिरा ने पूरे देश को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बना दिया गया था।

सांप्रदायिक एजेंडा नहीं
शाह ने कहा, जो लोग इसे सांप्रदायिक एजेंडा बता रहे हैं, वे बताएं क्या जम्मू कश्मीर में सिर्फ मुसलमान रहते हैं। हिंदू, जैनी, बौद्ध, सिख नहीं रहते? ऐसे लोगों ने ही वोट बैंक के लिए 370 को आज तक बनाए रखा। 370 भ्रष्टाचार के लिए तीन परिवारों की देन है। आज जब उनके खिलाफ जांच शुरू हुई है तो वे हो-हल्ला मचा रहे हैं। 370 की वजह से पाकिस्तान ने हालात का फायदा उठाया और इसमें पेट्रोल डाला।

अमित शाह बोले- मैं लौह पुरुष नहीं, छोटा कार्यकर्ता

शाह ने खुद को लौह पुरुष वाले विपक्ष के तंज का भी जवाब दिया। बोले मैं लौह पुरुष नहीं, छोटा कार्यकर्ता हूं। अटल बिहारी वाजपेयी ने भी 370 खत्म करने की सोची थी लेकिन पूर्ण बहुमत न होने की बाध्यता आड़े आई। आज उसी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है और नरेंद्र मोदी ने यह साहसिक फैसला लिया है। लोहिया ने भी कहा था, 370 कभी कश्मीर और भारत को जोड़ता नहीं, इसे खत्म करना चाहिए। गरीब देश का वफादार होते हैं। कश्मीर में गरीबी की वजह भी 370 ही है। वहां न जमीन खरीद सकते, न  उद्योग लगा सकते, न बस सकते। यह सब अनुच्छेद 370 की वजह से ही है।

कश्मीर में एहतियातन कर्फ्यू
गृह मंत्री ने कहा, कांग्रेस के जमाने में जब आतंकवाद चरम पर था तो कश्मीर में लोगों को ब्रेड-बटर तक नहीं मिल पाता था। आज एहतियातन 72 घंटे से कर्फ्यू है तो सवाल उठाए जा रहे हैं, तब कितने लंबे अरसे तक कर्फ्यू लगे। 1989 से अब तक 41849 लोग मारे गए। जिम्मेदार कौन है। तब अशांति थी, जान जाती थी लेकिन आज शांति है और एहतियातन कर्फ्यू है। यह अंतर है। पांच साल में कश्मीर देश का सबसे खुशहाल राज्य होगा। कश्मीर स्वर्ग था, है और रहेगा।

'कश्मीर के मामले को यूएन में लेकर कौन गया?'

शाह ने शाम को सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, कश्मीर में स्थिति बिगड़ी हुई है इसलिए कर्फ्यू नहीं लगाया गया है बल्कि हालात बिगड़ने न पाए इसलिए कर्फ्यू लगाया गया है। हम घाटी के लोगों से चर्चा करने के लिए तैयार हैं क्योंकि वे हमारे हैं, हम उनको सीने से लगाएंगे, लेकिन हम हुर्रियत से कोई बात नहीं करने वाले।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन यूएन का जिक्र कर रहे थे, मैं पूछना चाहता हूं कि कश्मीर के मामले को यूएन में कौन लेकर गया? जवाहर लाल नेहरू लेकर गए। मैं जो बिल लेकर सदन में उपस्थित हुआ हूं उसमें अक्साई चिन और पीओके समेत एक-एक इंच जमीन का जिक्र है। पीओके पर हमारा दावा आज भी उतना ही मजबूत है जितना पहले थे। उसकी 24 की 24 सीटें हमारा हिस्सा रहने वाली हैं।

उन्होंने कहा, नेहरू जी ने तो 370 को भी अस्थाई बताया था उसे हटाने में 70 साल लगे लेकिन हमें 70 साल नहीं लगेंगे। शाह ने कहा कि कश्मीर मुद्दा 1948 में यूएन में पहुंचा था। लेकिन जब भारत-पाकिस्तान ने यूएन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया तब किसी भी देश की सेना को सीमाओं के उल्लंघन का अधिकार नहीं था। लेकिन 1965 में पाकिस्तान की ओर से सीमा का उल्लंघन करने पर यह प्रस्ताव खारिज हो गया था। अगर तब हमारी सेनाओं को रोका न गया होता जो पीओके भी हमारे पास होता। जम्मू-कश्मीर के लिए इस सदन को संपूर्ण अधिकार हासिल हैं। कोई भी बाध्यता नहीं है। सदन में शाह के खड़े होते ही लोकसभा में नारे लगने लगे।

आंतरिक मसला बताकर कांग्रेस के अधीर ने कराई किरकिरी

दरअसल, शाह द्वारा निचले सदन में 370 को हटाने का संकल्प पेश करने के बाद कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सवाल उठाया था कि शाह कश्मीर को आंतरिक मसला बताते हैं लेकिन 1948 से संयुक्त राष्ट्र इस मामले को देख रहा है। इसे अंदरूनी मामला कैसे कह सकते हैं? हमारे एक प्रधानमंत्री ने शिमला समझौता किया, दूसरे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर समझौता किया और अभी हाल में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से कहा था कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है, आप इसमें दखलंदाजी नहीं कर सकते। अब अचानक जम्मू-कश्मीर आंतरिक मसला कैसे हो गया?

इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, 22 फरवरी, 1994 में इस सदन में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक संकल्प लिया गया था, लेकिन, आप पीओके के बारे में कुछ सोच रहे हैं, ऐसा नहीं लगता है। आपने रातोंरात नियम-कानूनों का उल्लंघन करके एक राज्य के दो टुकड़े करके संघ शासित प्रदेश बना दिए। इस पर शाह ने तीखे अंदाज में कहा कि कौन सा नियम-कानून तोड़ा गया। देश की सबसे बड़ी पंचायत में इस तरह की जनरल बातें नहीं होनी चाहिए। कौन सा नियम तोड़ा, यह बताया जाए, मैं उसका उत्तर दूंगा। इस पर चौधरी ने कोई जवाब नहीं दिया।

यूएन वाले बयान पर नाराज हुईं सोनिया तो अधीर ने दी सफाई

जम्मू-कश्मीर पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के दिए इस बयान से कांग्रेस चौतरफा घिर गई है। जब अधीर कश्मीर को भारत के आंतरिक मामला होने के दावे पर लोकसभा में सवाल उठा रहे थे तब यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी उन्हें हैरानी और नाराजगी से देख रही थीं।

बाद में जब बयान पर बवाल मचा तो चौधरी ने सफाई देते हुए कहा वह कई मुद्दों पर सरकार से स्पष्टीकरण मांग रहे थे लेकिन उन्हें गलत समझा गया। उन्होंने कहा, इसी संसद में 1994 में लोकसभा और राज्यसभा ने आम सहमति से यह प्रस्ताव पारित किया था कि पीओके को भी भारत में शामिल किया जाएगा। तो अब पीओके का क्या स्टेटस है? मैं तो सरकार से बस यही पूछ रहा था, इसमें गलत क्या है?’

अधीर ने कहा, कश्मीर पर दुनिया की निगाहें रही हैं। अगर कश्मीर मुद्दा इतना ही आसान होता तो सरकार ने सोमवार को कई देशों के दूतों को जानकारी क्यों दी। मैं तो सरकार से सीधे स्पष्टीकरण मांग रहा था।

24 घंटे बाद राहुल बोले, देश लोगों से बनता है जमीन के टुकडे़ से नहीं

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के करीब 24 घंटे बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्र्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, जम्मू-कश्मीर को एकतरफा फैसले में टुकड़ों में बांटना, जन प्रतिनिधियों के जेल भेजना और संविधान का उल्लंघन करना राष्ट्रीय एकीकरण नहीं हो जाता है। उन्होंने कहा
देश लोगों से बनता है, जमीन के भूखंडों से नहीं। शक्ति के इस गलत इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर के नेताओं की गिरफ्तारी असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। यह सरकार का मूर्खतापूर्ण कदम है। आतंकियों को केंद्र सरकार क्यों मौका दे रही है। सभी नेताओं को फौरन रिहा किया जाना चाहिए।

फारूक बोले, जब राज्य जल रहा हो तो मैं मर्जी से घर में क्यों रहूंगा

इस बीच फारूक ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। हम पत्थरबाज या ग्रेनेड फेंकने वाले नहीं हैं। ये हमारी हत्या करना चाहते हैं। अपने आवास पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए फारूक ने कहा, मैं अपनी मर्जी से घर में क्यों रहूंगा, जबकि मेरा राज्य जल रहा है। लोगों को जेल में डाला जा रहा है। मुझे बहुत दुख होता है जब शाह कहते हैं कि फारूक नजरबंद नहीं हैं और वह अपनी मर्जी से अपने घर में हैं। यह सच नहीं है। मुझे अपने घर में कैद कर दिया गया है।

शाह ने चार बार बोला, नजरबंद नहीं हैं फारूक

बहस के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूख अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया है। इस पर शाह ने कहा, मैं रिकॉर्ड के तौर पर कहा रहा हूं कि फारूक  को नजरबंद नहीं किया गया है, वह अपने घर पर हैं। अगर वह खुद संसद नहीं आना चाहते तो उनकी कनपटी पर बंदूक रखकर उनको संसद नहीं लाया जा सकता। शाह ने सदन में चौथी बार इस संदभ में बोलते हुए शाह ने कहा, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अब्दुल्ला साहब को नजरबंद नहीं किया गया है। वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं।

अगर उनकी तयत खराब होती तो वह बाहर नहीं आते। मैं डॉक्टर नहीं हूं। दरअसल, कश्मीर घाटी में सोमवार को बदले घटनाक्रम के बाद देर शाम पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, पूर्व सीएम एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन और इमरान अंसारी को हिरासत में ले लिया गया था। जिसके बाद से कयास लग रहे थे कि फारूक को भी घर में नजरबंद किया गया है।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345