आइए आपको बताते हैं कि आखिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर क्या है और वहां ऐसा क्या है, जिस वजह से यह दोनों देशों के बीच विवाद की वजह बना हुआ है।
- पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को हम पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर कहते हैं।
- प्रशासनिक रूप से पाकिस्तान ने इसे दो हिस्सों में बांट रखा है।
- एक हिस्से को पाकिस्तान ने आजाद कश्मीर का नाम दिया है और दूसरे हिस्से का नाम गिलगित-बाल्टिस्तान है।
- पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान ने एक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी बना रखा है।
- यहां का अपना मंत्री परिषद भी होता है।
- पीओके में विधानसभा भी है।
- हालांकि यहां के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पाकिस्तान के हाथों की कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
1947 में स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया था। तब वहां के राजा हरिसिंह ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। फौजी मदद के बदले भारत ने कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाने की शर्त रखी थी।
लेकिन कश्मीर में युद्ध के दौरान ही भारत सरकार ने इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठा था। इसके बाद यथास्थिति रखने के लिए कहा गया और जम्मू-कश्मीर का काफी बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया।
पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) मूल कश्मीर का वह भाग है, जिसकी सीमाएं पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर-पश्चिम में अफगानिस्तान के वाखान गलियारे से, चीन के जिन्जियांग क्षेत्र से और पूर्व में भारतीय कश्मीर से लगती हैं। यदि गिलगित-बल्टिस्तान को हटा दिया जाए तो आजाद कश्मीर का क्षेत्रफल 13,300 वर्ग किलोमीटर (भारतीय कश्मीर का लगभग 3 गुना) पर फैला है और इसकी आबादी लगभग 40 लाख है।
पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद है और इसमें आठ जिले, 19 तहसीलें और 182 संघीय परिषद हैं।
यहां के जिले हैंः
- मीरपुर
- भिम्बर
- कोटली
- मुजफ्फराबाद
- बाग
- नीलम
- रावला कोट
- सुधनती
पाक अधिकृत कश्मीर के हुन्जा-गिलगित के एक हिस्से रक्सम और बाल्टिस्तान की शक्स्गम घाटी क्षेत्र को, पाकिस्तान ने 1963 में चीन को सौंप दिया था। इस क्षेत्र को सीडेड एरिया या ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट भी कहते हैं।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है। यहां मक्का, गेहूं, वानिकी और पशुधन आय का मुख्य जरिया हैं। यहा पर निम्न श्रेणी के कोयला भंडार, चाक और बॉक्साइट के भंडार भी हैं। स्थानीय घरेलू उद्योगों में उत्कीर्ण लकड़ी की वस्तुओं को बनाना, वस्त्र और कालीन का उत्पादन किया जाता है। यहां मशरूम, शहद, अखरोट, सेब, चेरी, औषधीय जड़ी बूटियों और पौधों की खेती होती है साथ ही राल, देवदार, कैल, चीर, मेपल और जलाने वाली लकड़ियों के वनों से भी आय होती है।
यहां स्कूल और कॉलेज काफी कम हैं फिर भी यहां साक्षरता की दर 72 फीसदी है। पख्तूनी, उर्दू, कश्मीरी और पंजाबी भाषाएं यहां प्रमुखता से बोली जातीं हैं। सबसे खास बात यह है कि पाक अधिकृत कश्मीर में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी है।