आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल बोले- इस्लाम के आगमन के बाद देश में आया छुआछूत

उन्होंने बताया कि कैसे जिन जातियों की पहले इज्जत की जाती थी वह अब पिछड़ी हो गई हैं। गोपाल ने कहा, 'आज मौर्य एक पिछड़ी जाति है यह पहले ऊंची जाति हुआ करती थी। पाल बंगाल के राजा हुआ करते थे लेकिन आज वह पिछड़े हो गए हैं। आज बुद्ध की जाति शाक्य अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में आ गई है। हमारे समाज में दलित शब्द की मौजूदगी नहीं थी। यह अंग्रेजों की साजिश थी जो हमें बांटकर राज करना चाहते थे। यहां तक कि संविधान सभा ने भी दलित की जगह अनुसूचित जाति शब्द का इस्तेमाल किया था।'
गोपाल ने कहा, 'भारत में अस्पृश्यता का पहला उदाहरण तब आया जब लोग गाय का मांस खाते थे, वे अनटचेबल घोषित हुए। ये स्वयं (बी आर) आंबेडकर जी ने भी लिखा है।' उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे यह समाज में प्रसारित होता गया और समाज के एक बड़े हिस्से को अस्पृश्य करार दिया गया। लंबे समय तक उनका उत्पीड़न और अपमान किया गया। उन्होंने कहा कि रामायण लिखने वाले महर्षि वाल्मीकि दलित नहीं थे, बल्कि शूद्र थे और कई महान ऋषि भी शूद्र थे और उनका बहुत सम्मान किया जाता था।