डिफेंस कॉरिडोर में 25 हजार करोड़ का होगा निवेश, दो लाख लोगों को मिलेगा रोजगार : योगी
खास बातें
- छह माह में 25 हजार करोड़ का होगा निवेश
- आर्थिक सुस्ती का यूपी पर नहीं पड़ेगा ज्यादा प्रभाव
- 2024 तक 10 खरब डॉलर हो सकती है प्रदेश की अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट कहना है कि देश में आर्थिक मंदी नहीं, आर्थिक सुस्ती है। यह वैश्विक है। इस सुस्ती का यूपी पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। डिफेंस कॉरिडोर में अगले छह माह में प्रदेश में 25 हजार करोड़ का निवेश होगा और दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। अपनी सरकार का ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने पर मंगलवार को ‘अमर उजाला’ से विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा रफ्तार से और तेजी से चले तो वर्ष 2024 तक प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर (10 खरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था बन सकता है।
उपलब्धियों के साथ भविष्य का खाका खींचा
योगी ने कहा कि देश को फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी (50 खरब डॉलर) बनाने के लिए प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करना होगा। इसके लिए हमने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाई है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, डवलपमेंट, कृषि व उससे जुड़ी गतिविधियों और मानव संसाधन जैसे प्राथमिकता के सेक्टर तय किए गए हैं।
फेजवार लागू करेंगे एनआरसी
सीएम ने कहा कि एनआरसी देश के लिए जरूरी है। असम से इसकी शुरुआत हुई है। लोगों में इसके प्रति उत्साह और विश्वास है। इसके परिणाम आने दीजिए। आवश्यकता के अनुसार यूपी में भी फेजवाइज एनआरसी लागू करेंगे।
उपचुनाव भी जीतेंगे और 2022 भी
‘भाजपा प्रदेश में होने वाले सभी उपचुनाव जीतेगी। 2022 में क्या होगा, यह 2019 के आम चुनाव में दिख गया। बेर-केर का बेमेल गठबंधन बना था। जनता ने इसे बेनकाब कर दिया। प्रदेश के लोगों ने मोदी के सुशासन और विकास पर मुहर लगाई। 2022 का उपचुनाव भी भाजपा इसी तरह जीतेगी।’
उपलब्धियों के साथ भविष्य का खाका खींचा
योगी ने कहा कि देश को फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी (50 खरब डॉलर) बनाने के लिए प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करना होगा। इसके लिए हमने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाई है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, डवलपमेंट, कृषि व उससे जुड़ी गतिविधियों और मानव संसाधन जैसे प्राथमिकता के सेक्टर तय किए गए हैं।
फेजवार लागू करेंगे एनआरसी
सीएम ने कहा कि एनआरसी देश के लिए जरूरी है। असम से इसकी शुरुआत हुई है। लोगों में इसके प्रति उत्साह और विश्वास है। इसके परिणाम आने दीजिए। आवश्यकता के अनुसार यूपी में भी फेजवाइज एनआरसी लागू करेंगे।
उपचुनाव भी जीतेंगे और 2022 भी
‘भाजपा प्रदेश में होने वाले सभी उपचुनाव जीतेगी। 2022 में क्या होगा, यह 2019 के आम चुनाव में दिख गया। बेर-केर का बेमेल गठबंधन बना था। जनता ने इसे बेनकाब कर दिया। प्रदेश के लोगों ने मोदी के सुशासन और विकास पर मुहर लगाई। 2022 का उपचुनाव भी भाजपा इसी तरह जीतेगी।’
अराजकता, लूट-खसोट और असुरक्षा के माहौल से प्रदेश को मुक्त कराया
सवाल : ढाई साल के सत्ता के अनुभव को कैसे बांटेंगे?
वर्ष 2017 में जब सरकार का गठन हुआ तो गाड़ी पटरी से उतरी हुई थी। अर्थव्यवस्था, विकास, कानून-व्यवस्था की हालत खराब थी। अराजकता, लूट-खसोट और असुरक्षा का माहौल था। शिक्षा माफिया हावी थे। नौकरियां जाति और रिश्वत के आधार पर दी जाती थीं। माफिया को सत्ता का संरक्षण था। 14-15 सालों में सुनियोजित तरीके से संस्थाओं को समाप्त करने का प्रयास किया गया। जो चीजें पटरी से उतर गई थीं, उन्हें वापस लाकर विश्वास कायम करने में सफलता मिली है।
अगले ढाई साल के लिए क्या बड़ी योजनाएं हैं?
2024 तक यूपी की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर (10 खरब डॉलर) होगी। इस दिशा में कदम बढ़ा दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर (50 खरब डॉलर) तक ले जाने का काम कर रहे हैं। इसमें यूपी का बड़ा योगदान रहेगा। यूपी की अपनी जीडीपी होगी और हर जिले की जीडीपी होगी। इसी कड़ी में यूपी सरकार के मंत्री व ब्यूरोक्रेसी को आईआईएम से प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है।
एक जनपद एक उत्पाद योजना बेहद सफल रही है। मुरादाबाद के पीतल, अलीगढ़ के ताला, लखनऊ के चिकन, कन्नौज के इत्र, फिरोजाबाद के ग्लास और गोरखपुर के टेराकोटा उद्योग को बड़ी उछाल मिली है। इस मुहिम के जरिए 25 लाख युवाओं को नौकरी व रोजगार से जोड़ने का काम चल रहा है। मुरादाबाद से पिछले साल 6000 करोड़ तो भदोही से 4000 करोड़ का एक्सपोर्ट हुआ है।
निवेश और रोजगार के मोर्चे पर कहां तक सफलता मिली?
सबसे ज्यादा युवा यूपी में है। युवाओं की ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण के साथ जोड़ने की मुहिम चल रही है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। ढाई साल के कार्यकाल में 2.25 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। एक भी नौकरी में लेनदेन की शिकायत नहीं है। जहां शिकायत मिली, वहां प्रक्रिया निरस्त करके जवाबदेही तय की गई।
रोजगार सृजन और आर्थिक स्वावलंबन के लिए यूपी में व्यापक निवेश को आमंत्रित किया। इन्फ्रास्ट्रक्चर व इंडस्ट्रियल डवलपमेंट का काम तेजी से चल रहा है। यूपी में अब तक दो लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश करा चुके हैं। इसका मतलब है कि 20 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।
वर्ष 2017 में जब सरकार का गठन हुआ तो गाड़ी पटरी से उतरी हुई थी। अर्थव्यवस्था, विकास, कानून-व्यवस्था की हालत खराब थी। अराजकता, लूट-खसोट और असुरक्षा का माहौल था। शिक्षा माफिया हावी थे। नौकरियां जाति और रिश्वत के आधार पर दी जाती थीं। माफिया को सत्ता का संरक्षण था। 14-15 सालों में सुनियोजित तरीके से संस्थाओं को समाप्त करने का प्रयास किया गया। जो चीजें पटरी से उतर गई थीं, उन्हें वापस लाकर विश्वास कायम करने में सफलता मिली है।
अगले ढाई साल के लिए क्या बड़ी योजनाएं हैं?
2024 तक यूपी की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर (10 खरब डॉलर) होगी। इस दिशा में कदम बढ़ा दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर (50 खरब डॉलर) तक ले जाने का काम कर रहे हैं। इसमें यूपी का बड़ा योगदान रहेगा। यूपी की अपनी जीडीपी होगी और हर जिले की जीडीपी होगी। इसी कड़ी में यूपी सरकार के मंत्री व ब्यूरोक्रेसी को आईआईएम से प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है।
एक जनपद एक उत्पाद योजना बेहद सफल रही है। मुरादाबाद के पीतल, अलीगढ़ के ताला, लखनऊ के चिकन, कन्नौज के इत्र, फिरोजाबाद के ग्लास और गोरखपुर के टेराकोटा उद्योग को बड़ी उछाल मिली है। इस मुहिम के जरिए 25 लाख युवाओं को नौकरी व रोजगार से जोड़ने का काम चल रहा है। मुरादाबाद से पिछले साल 6000 करोड़ तो भदोही से 4000 करोड़ का एक्सपोर्ट हुआ है।
निवेश और रोजगार के मोर्चे पर कहां तक सफलता मिली?
सबसे ज्यादा युवा यूपी में है। युवाओं की ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण के साथ जोड़ने की मुहिम चल रही है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। ढाई साल के कार्यकाल में 2.25 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। एक भी नौकरी में लेनदेन की शिकायत नहीं है। जहां शिकायत मिली, वहां प्रक्रिया निरस्त करके जवाबदेही तय की गई।
रोजगार सृजन और आर्थिक स्वावलंबन के लिए यूपी में व्यापक निवेश को आमंत्रित किया। इन्फ्रास्ट्रक्चर व इंडस्ट्रियल डवलपमेंट का काम तेजी से चल रहा है। यूपी में अब तक दो लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश करा चुके हैं। इसका मतलब है कि 20 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।
प्रदेश को वनवास से मिली मुक्ति, अब जाति-मजहब से ऊपर उठकर काम
सवाल : क्या प्रयागराज को संन्यासी मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाए?
महाकुंभ देश-दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आयोजन है। इसमें 24 करोड़ श्रद्धालु आए, लेकिन भगदड़ नहीं मची। सुरक्षा, स्वच्छता और सुव्यवस्था के साथ संपन्न हुआ। हमने अयोध्या में दीपोत्सव और मथुरा में रंगोत्सव से आध्यात्मिक, सांस्कृतिक परंपरा के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने की शुरुआत की।
प्रदेश में पहली बार अप्रवासी भारतीय सम्मेलन हुआ। इसमें 76 देशों के 7500 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हुए। इसी तरह लोकसभा चुनाव में 1.63 लाख बूथों पर कहीं हिंसा नहीं हुई। एक भी दंगा या फिरौती की घटना नहीं हुई। 24 घंटे में बूचड़खाने बंद कराए। किसान ऋण माफी योजना को सफलतापूर्वक पूरा किया।
आप अपने ढाई साल के कार्यकाल को रामायण के संदर्भ से कैसा देखते हैं?
यूपी को 14 वर्ष के वनवास से मुक्ति मिली है। रामराज्य का आभास होना चाहिए था। अब जाति, पंथ, मत और मजहब से ऊपर उठकर काम हुआ है। पर्व, त्योहार शांतिपूर्वक मनाया जा रहा है। गांव, गरीब, किसान, युवा और महिला कल्याण को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गईं, जिसका क्रियान्वयन प्रभावी तरीके से कराया जा रहा है।
आपकी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र देने के लिए शासनादेश जारी किया था। हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, क्या सरकार इसे चुनौती देगी ?
प्रमाणपत्र जारी करने का शासनादेश अदालत के आदेश पर ही जारी किया था। अब अदालत ने ही इस पर रोक लगाई है। इस मामले में क्या करना है, इसे देखेंगे। हम किसी भी समस्या को जातीय नजरिये से नहीं देखते हैं। जाति, मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं।
अगले ढाई साल में बदला-बदला दिखेगा प्रदेश
प्रदेश सरकार ने पिछले ढाई सालों में जिन परियोजनाओं की शुरुआत की है, उनसे अगले ढाई साल में प्रदेश में बड़ा बदलाव दिखेगा। मेट्रो और रैपिड रेल प्रदेश में आ रही हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को मजबूत बनाया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। पहला वॉटर-वे वाराणसी में शुरु हुआ है। इस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर प्रदेश से गुजर रहे हैं। इनका जंक्शन दादरी में है। ढाई साल में इन्फास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री में बड़ा निवेश होगा। 2024 में यूपी सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था वाले राज्यों में होगा।
महाकुंभ देश-दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आयोजन है। इसमें 24 करोड़ श्रद्धालु आए, लेकिन भगदड़ नहीं मची। सुरक्षा, स्वच्छता और सुव्यवस्था के साथ संपन्न हुआ। हमने अयोध्या में दीपोत्सव और मथुरा में रंगोत्सव से आध्यात्मिक, सांस्कृतिक परंपरा के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने की शुरुआत की।
प्रदेश में पहली बार अप्रवासी भारतीय सम्मेलन हुआ। इसमें 76 देशों के 7500 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हुए। इसी तरह लोकसभा चुनाव में 1.63 लाख बूथों पर कहीं हिंसा नहीं हुई। एक भी दंगा या फिरौती की घटना नहीं हुई। 24 घंटे में बूचड़खाने बंद कराए। किसान ऋण माफी योजना को सफलतापूर्वक पूरा किया।
आप अपने ढाई साल के कार्यकाल को रामायण के संदर्भ से कैसा देखते हैं?
यूपी को 14 वर्ष के वनवास से मुक्ति मिली है। रामराज्य का आभास होना चाहिए था। अब जाति, पंथ, मत और मजहब से ऊपर उठकर काम हुआ है। पर्व, त्योहार शांतिपूर्वक मनाया जा रहा है। गांव, गरीब, किसान, युवा और महिला कल्याण को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गईं, जिसका क्रियान्वयन प्रभावी तरीके से कराया जा रहा है।
आपकी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र देने के लिए शासनादेश जारी किया था। हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, क्या सरकार इसे चुनौती देगी ?
प्रमाणपत्र जारी करने का शासनादेश अदालत के आदेश पर ही जारी किया था। अब अदालत ने ही इस पर रोक लगाई है। इस मामले में क्या करना है, इसे देखेंगे। हम किसी भी समस्या को जातीय नजरिये से नहीं देखते हैं। जाति, मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं।
अगले ढाई साल में बदला-बदला दिखेगा प्रदेश
प्रदेश सरकार ने पिछले ढाई सालों में जिन परियोजनाओं की शुरुआत की है, उनसे अगले ढाई साल में प्रदेश में बड़ा बदलाव दिखेगा। मेट्रो और रैपिड रेल प्रदेश में आ रही हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को मजबूत बनाया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। पहला वॉटर-वे वाराणसी में शुरु हुआ है। इस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर प्रदेश से गुजर रहे हैं। इनका जंक्शन दादरी में है। ढाई साल में इन्फास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री में बड़ा निवेश होगा। 2024 में यूपी सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था वाले राज्यों में होगा।
'हमारी नीयत साफ, जिसका शिलान्यास, उसका उद्घाटन भी करते हैं'
पूर्वांचल के विकास के लिए क्या योजनाएं हैं?
गोरखपुर में बुधवार को पहले आधुनिक एथेनॉल प्लांट का शिलान्यास किया जाएगा। एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन भी होगा। एथेनॉल प्लांट की मदद से बिजली उत्पादन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। धुरियापार में प्लांट स्थापित कराया जा रहा है। इस पर 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आईओसी से करार हो चुका है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार की संभावना बढ़ेगी।
आसपास के किसान और लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी। सहजनवां में बॉटलिंग प्लांट का शिलान्यास केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था। अब उद्घाटन किया जा रहा है। नीयत साफ है। मोदी सरकार जिस काम का शिलान्यास करती है, उसका उद्घाटन भी होता है। बॉटलिंग प्लांट से बड़ा फायदा मिलेगा। अब एलपीजी के लिए दूसरे शहरों की राह नहीं देखनी पड़ेगी। यहीं से गैस सिलिंडर मिल जाएगा। इसके अलावा तमाम योजनाएं प्रारंभ की गई हैं।
डिफेंस कॉरिडोर में निवेश को लेकर रूस, फ्रांस व जर्मनी ने दिखाई रुचि
डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर में कोरिया, इस्राइल, रूस, फ्रांस, जर्मनी ने रुचि दिखाई है। डिफेंस कॉरिडोर का क्षेत्र झांसी, चित्रकूट, कानपुर, आगरा, अलीगढ़ और लखनऊ होगा। रक्षा मंत्रालय के सहयोग से 5 से 8 फरवरी 2020 तक लखनऊ में डिफेंस एक्सपो आयोजित किया जाएगा। उम्मीद है कि 2020 के प्रारंभ तक 20-25 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ जाएगा। छोटे-छोटी एमएसएमई इकाइयां भी लगेंगी। इससे 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
गोरखपुर में बुधवार को पहले आधुनिक एथेनॉल प्लांट का शिलान्यास किया जाएगा। एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन भी होगा। एथेनॉल प्लांट की मदद से बिजली उत्पादन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। धुरियापार में प्लांट स्थापित कराया जा रहा है। इस पर 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आईओसी से करार हो चुका है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार की संभावना बढ़ेगी।
आसपास के किसान और लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी। सहजनवां में बॉटलिंग प्लांट का शिलान्यास केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था। अब उद्घाटन किया जा रहा है। नीयत साफ है। मोदी सरकार जिस काम का शिलान्यास करती है, उसका उद्घाटन भी होता है। बॉटलिंग प्लांट से बड़ा फायदा मिलेगा। अब एलपीजी के लिए दूसरे शहरों की राह नहीं देखनी पड़ेगी। यहीं से गैस सिलिंडर मिल जाएगा। इसके अलावा तमाम योजनाएं प्रारंभ की गई हैं।
डिफेंस कॉरिडोर में निवेश को लेकर रूस, फ्रांस व जर्मनी ने दिखाई रुचि
डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर में कोरिया, इस्राइल, रूस, फ्रांस, जर्मनी ने रुचि दिखाई है। डिफेंस कॉरिडोर का क्षेत्र झांसी, चित्रकूट, कानपुर, आगरा, अलीगढ़ और लखनऊ होगा। रक्षा मंत्रालय के सहयोग से 5 से 8 फरवरी 2020 तक लखनऊ में डिफेंस एक्सपो आयोजित किया जाएगा। उम्मीद है कि 2020 के प्रारंभ तक 20-25 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ जाएगा। छोटे-छोटी एमएसएमई इकाइयां भी लगेंगी। इससे 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
निवेश की मॉनिटरिंग एमओयू ट्रैकर से
प्रदेश में इन्वेस्टमेंट के प्रस्तावों की मॉनिटिरिंग के लिए एमओयू ट्रैकर स्थापित किया गया है। कारोबार की स्थापना, संचालन और उसके लिए जरूरी मंजूरी को स्टेट ऑफ आर्ट वेब पोर्टल के रूप में निवेश मित्र की स्थापना की गई है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से निवेशकों को खासी सुविधा हुई। लगभग हर सेक्टर के लिए नई नीति लाने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। प्रदेश सरकार निवेशकों को सुरक्षा, आधारभूत संरचना और बेहतर माहौल की गारंटी दे रही है। कुशल श्रम के लिए स्किल डवलपमेंट पर खास जोर दिया जा रहा है। इससे युवाओं को रोजगार पाने में आसानी होगी।
केंद्रीय योजनाएं तो पहले भी लागू थीं, इनमें नया क्या है?
केंद्र सरकार की योजनाओं में पहले यूपी फिसड्डी था। स्वच्छ भारत मिशन में आप आश्चर्य करेंगे कि बेसलाइन सर्वे के हिसाब से 2.60 करोड़ शौचालय बनाए जाने थे। 44 लाख छूटे परिवारों के शौचालय बनने थे। कुल 3.04 करोड़ शौचालयों में अक्तूबर 2014 से मार्च 2017 तक ढाई साल में सिर्फ 43 लाख शौचालय बनाए गए। बाकी सभी शौचालय हमारी सरकार बनने के बाद बने।
सरकार ने शौचालय निर्माण में बड़ी उपलब्धि हासिल की। पीएम आवास योजना में अखिलेश यादव की सरकार ने ढाई साल के कार्यकाल के दौरान कुछ नहीं किया था। यूपी में 63 हजार पीएम आवास स्वीकृत किए थे। हमने 25 लाख पीएम आवास बनाकर गरीबों को दिए हैं। सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था को गरीब, गांव और किसानों के साथ जोड़ा है।
केंद्रीय योजनाएं तो पहले भी लागू थीं, इनमें नया क्या है?
केंद्र सरकार की योजनाओं में पहले यूपी फिसड्डी था। स्वच्छ भारत मिशन में आप आश्चर्य करेंगे कि बेसलाइन सर्वे के हिसाब से 2.60 करोड़ शौचालय बनाए जाने थे। 44 लाख छूटे परिवारों के शौचालय बनने थे। कुल 3.04 करोड़ शौचालयों में अक्तूबर 2014 से मार्च 2017 तक ढाई साल में सिर्फ 43 लाख शौचालय बनाए गए। बाकी सभी शौचालय हमारी सरकार बनने के बाद बने।
सरकार ने शौचालय निर्माण में बड़ी उपलब्धि हासिल की। पीएम आवास योजना में अखिलेश यादव की सरकार ने ढाई साल के कार्यकाल के दौरान कुछ नहीं किया था। यूपी में 63 हजार पीएम आवास स्वीकृत किए थे। हमने 25 लाख पीएम आवास बनाकर गरीबों को दिए हैं। सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था को गरीब, गांव और किसानों के साथ जोड़ा है।
अब जनता नहीं, अपराधी कर रहे पलायन
ढाई साल में कानून व्यवस्था की स्थिति से कितना संतुष्ट हैं?
प्रदेश में ढाई साल में कोई दंगा नहीं हुआ है। पलायन की घटनाएं अब नहीं होती हैं। अब अपराधी पलायन कर रहे हैं। यूपी में जिन लोगों ने पहले पलायन किया था, वे लौटकर आ गए हैं। अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी। एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट कह रहा था कि अवैध बूचड़खाने बंद करें। हमने सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर यह काम किया।
पश्चिमी यूपी में सबसे खराब हालात थे। पशुओं को उठाकर बूचड़खाने में भेज दिया जाता था। अब ऐसा कुछ नहीं है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में निराश्रित गो वंश सड़कों और खेतों में आया। इसके लिए व्यवस्था की गई। गो संरक्षण केंद्र बनाए गए हैं। इस समस्या से छुटकारे के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
एनकाउंटर पर सवाल उठाए गए, क्या कहेंगे?
प्रदेश कानून का राज है। एक भी एनकाउंटर फर्जी नहीं है। अपराधी सामने से गोली मारेगा तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगी। वह भी प्रतिक्रिया देगी। मुठभेड़ में हमने कुछ अच्छे पुलिस के अफसर, कर्मी भी खोए हैं। यूपी में अब दंगे नहीं होते हैं। फिरौती और डकैती की घटनाएं बंद हो चुकी हैं। अपराधियों में पुलिस का खौफ है।
प्रदेश में ढाई साल में कोई दंगा नहीं हुआ है। पलायन की घटनाएं अब नहीं होती हैं। अब अपराधी पलायन कर रहे हैं। यूपी में जिन लोगों ने पहले पलायन किया था, वे लौटकर आ गए हैं। अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी। एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट कह रहा था कि अवैध बूचड़खाने बंद करें। हमने सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर यह काम किया।
पश्चिमी यूपी में सबसे खराब हालात थे। पशुओं को उठाकर बूचड़खाने में भेज दिया जाता था। अब ऐसा कुछ नहीं है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में निराश्रित गो वंश सड़कों और खेतों में आया। इसके लिए व्यवस्था की गई। गो संरक्षण केंद्र बनाए गए हैं। इस समस्या से छुटकारे के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
एनकाउंटर पर सवाल उठाए गए, क्या कहेंगे?
प्रदेश कानून का राज है। एक भी एनकाउंटर फर्जी नहीं है। अपराधी सामने से गोली मारेगा तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगी। वह भी प्रतिक्रिया देगी। मुठभेड़ में हमने कुछ अच्छे पुलिस के अफसर, कर्मी भी खोए हैं। यूपी में अब दंगे नहीं होते हैं। फिरौती और डकैती की घटनाएं बंद हो चुकी हैं। अपराधियों में पुलिस का खौफ है।
जनसंख्या नियंत्रण पर गंभीरता से विचार
राज्य सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर गंभीर है। इस समस्या के प्रति जागरूक है। इस पर भी विचार करेंगे कि पंचायतों व निकाय चुनावों में बेहतर जनप्रतिनिधि चुनने के लिए क्या किया जाए। दूसरे राज्यों के अनुभवों को देखते हुए समय आने पर आवश्यक कदम उठाएंगे।
अनुच्छेद 370 हटाना ऐतिहासिक फैसला
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना ऐतिहासिक फैसला है। इसके लिए प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का अभिनंदन करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान माना है कि यह कदम देश हित में उठाया गया है। इसमें सभी को सहयोग करना चाहिए। समय आने पर कॉमन सिविल कोड पर भी फैसला लिया जाएगा।
अनुच्छेद 370 हटाना ऐतिहासिक फैसला
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना ऐतिहासिक फैसला है। इसके लिए प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का अभिनंदन करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान माना है कि यह कदम देश हित में उठाया गया है। इसमें सभी को सहयोग करना चाहिए। समय आने पर कॉमन सिविल कोड पर भी फैसला लिया जाएगा।