मुजफ्फरपुर आश्रयगृह मामला: पीड़िताओं को परिवारों के पास भेजने पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आज
मुजफ्फरपुर आश्रयगृह मामला : bharat rajneeti
खास बातें
- टीआईएसएस ने शीर्ष अदालत को सौंपी स्टेट्स रिपोर्ट, बालिकाओं को बताया पूरी तरह फिट
- ‘कोशिश’ की तरफ से पीठ को यह जानकारी दी गईं कि सभी आठ बालिकाएं पूरी तरह स्वस्थ और फिट हो चुकी हैं
- कुछ बालिकाओं के परिजन उन्हें वापस लेने के इच्छुक हैं, लेकिन कुछ बालिकाएं दिव्यांग हैं
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की पीड़िताओं को उनके परिवारों के पास भेजने के मुद्दे पर गुरुवार को फैसला लेगा। बता दें कि पिछले साल मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ की तरफ से चलाए जा रहे शेल्टरहोम में रहने वाली बहुत सारी बालिकाओं के यौन शोषण का मामला सामने आया था। यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की तरफ से बिहार के शेल्टरहोम में सोशल ऑडिट कराए जाने पर सामने आया था। इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एनवी रमाना और जस्टिस अजय रस्तौगी की पीठ ने बुधवार को कहा कि वह इन बालिकाओं को परिजनों को सौंपने के मुद्दे पर गुरुवार को आदेश सुनाएंगे। पीठ ने यह बात टीआईएसएस के फील्ड एक्शन प्रोजेक्ट ‘कोशिश’ की तरफ से सीलबंद लिफाफे में स्टेट्स रिपोर्ट सौंपने के बाद कही।
‘कोशिश’ की तरफ से पीठ को यह भी जानकारी दी गईं कि सभी आठ बालिकाएं पूरी तरह स्वस्थ और फिट हो चुकी हैं। ऐसे में उन्हें परिजनों को सौंपा जा सकता है। टीआईएसएस की तरफ से पेश वकील ने बताया कि ‘कोशिश’ ने पांच बालिकाओं के परिजनों से संपर्क साध लिया है, लेकिन उनके घर का सत्यापन करना अभी बाकी है।
वकील ने बताया कि कुछ बालिकाओं के परिजन उन्हें वापस लेने के इच्छुक हैं, लेकिन कुछ बालिकाएं दिव्यांग हैं। एक बच्ची अपने परिजनों का पता नहीं बता सकी है, लेकिन उसने घर के आसपास की पहचान बताई है। इस आधार पर उसके घर की तलाश जारी है। वकील ने पीठ से फिट लड़कियों को परिजनों को सौंपने का आदेश जारी करने का आग्रह किया।
साथ ही बिहार की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को भी इस बारे में उचित निर्देश देने की मांग की। इस पर पीठ ने गुरुवार को आदेश जारी करने की बात कही। गुरुवार को चाइल्ड वेलफेयर एक्शन कमेटी और राज्य सरकार भी इस रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करेंगे।