ओबीसी और सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को कोचिंग कराएगी केजरीवाल सरकार

अरविंद केजरीवाल - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- दिल्ली सरकार ने विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता राशि 40 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है
- सरकार प्रतियोगी व व्यावसायिक परीक्षाओं के हिसाब से कोचिंग के लिए आर्थिक मदद देगी
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी
जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना के तहत दिल्ली सरकार ने विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता राशि 40 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है। सरकार प्रतियोगी व व्यावसायिक परीक्षाओं के हिसाब से कोचिंग के लिए आर्थिक मदद देगी। इसका दायरा भी बढ़ा दिया गया है। अनुसूचित जाति के अलावा अब इसमें पिछड़ा वर्ग व आर्थिक तौर पर कमजोर सामान्य वर्ग के बच्चों को भी मदद मिलेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर बताया कि कई बार गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चे कोचिंग नहीं मिलने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ जाते हैं। इसको ध्यान में रखकर एक साल पहले जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना शुरू की गई थी।
दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर बताया कि कई बार गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चे कोचिंग नहीं मिलने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ जाते हैं। इसको ध्यान में रखकर एक साल पहले जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना शुरू की गई थी।
सरकार ने कोचिंग संस्थानों का बनाया पैनल
अभी तक योजना सिर्फ अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए थी और कोचिंग के लिए अधिकतम 40 हजार रुपये थे, लेकिन महंगाई के दौर में अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए 40 हजार रुपये कम पड़ते हैं। वहीं, एससी श्रेणी के अलावा तमाम बच्चे गरीब हैं, जिन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाता।
इसलिए कैबिनेट ने फैसला लिया है कि कोचिंग की राशि 40 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये तक होगी और इसमें हर श्रेणी के गरीब बच्चे शामिल होंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं के हिसाब से आर्थिक सहायता तय की गई है।
सरकार ने कोचिंग संस्थानों का बनाया पैनल
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने कोचिंग संस्थानों से समझौता करके एक पैनल बना दिया है। यहां सस्ती दरों से कोचिंग ली जा सकती है। इनमें दाखिला लेने वाले बच्चों की फीस सरकार संस्थान संचालकों को दे देगी। यदि बच्चे पैनल के अलावा कहीं से कोचिंग लेते हैं तो नियत राशि बच्चों को दी दी जाएगी।
इसलिए कैबिनेट ने फैसला लिया है कि कोचिंग की राशि 40 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये तक होगी और इसमें हर श्रेणी के गरीब बच्चे शामिल होंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं के हिसाब से आर्थिक सहायता तय की गई है।
सरकार ने कोचिंग संस्थानों का बनाया पैनल
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने कोचिंग संस्थानों से समझौता करके एक पैनल बना दिया है। यहां सस्ती दरों से कोचिंग ली जा सकती है। इनमें दाखिला लेने वाले बच्चों की फीस सरकार संस्थान संचालकों को दे देगी। यदि बच्चे पैनल के अलावा कहीं से कोचिंग लेते हैं तो नियत राशि बच्चों को दी दी जाएगी।
परिवार की आठ लाख सालाना आय तय
वह बच्चे योजना के दायरे में आएंगे, जिनके परिवार की सालाना आय आठ लाख रुपये है। इससे ज्यादा आय वाले परिवार के बच्चों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। साथ ही, उसी बच्चे को लाभ मिलेगा, जिसने 10वीं और 12वीं की परीक्षा दिल्ली से पास की हो।
कोचिंग के लिए मिलने वाली रकम
-वैकल्पिक विषयों के अलावा यूपीएससी व राज्य सिविल सेवा एक साल एक लाख रुपये
-वैकल्पिक विषयों के लिए यूपीएससी व राज्य सिविल सेवा चार महीन 40 हजार रुपये
-न्यायिक सेवा एक साल एक लाख रुपये
-एनडीए, सीडीएस, मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि 11 महीने एक लाख रुपये
-एमबीए, कैट आदि 6 महीने 50 हजार रुपये
-सिविल सेवा के अलावा ग्रुप ए व बी परीक्षा 6 महीने 50 हजार रुपये
-ग्रुप ए व बी के अलावा की परीक्षाएं 5 महीने 30 हजार रुपये
-ग्रुप सी की परीक्षा 4 महीने 25 हजार रुपये
-इंटरव्यू एक महीना पांच-दस हजार रुपये
कोचिंग के लिए मिलने वाली रकम
-वैकल्पिक विषयों के अलावा यूपीएससी व राज्य सिविल सेवा एक साल एक लाख रुपये
-वैकल्पिक विषयों के लिए यूपीएससी व राज्य सिविल सेवा चार महीन 40 हजार रुपये
-न्यायिक सेवा एक साल एक लाख रुपये
-एनडीए, सीडीएस, मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि 11 महीने एक लाख रुपये
-एमबीए, कैट आदि 6 महीने 50 हजार रुपये
-सिविल सेवा के अलावा ग्रुप ए व बी परीक्षा 6 महीने 50 हजार रुपये
-ग्रुप ए व बी के अलावा की परीक्षाएं 5 महीने 30 हजार रुपये
-ग्रुप सी की परीक्षा 4 महीने 25 हजार रुपये
-इंटरव्यू एक महीना पांच-दस हजार रुपये