दिल्ली: आठ साल बाद खुला हत्या का राज, पत्नी ने प्रेमी संग की थी पति की हत्या

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी - फोटो : bharat rajneeti
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कापसहेड़ा के समालखा इलाके में आठ साल पहले युवक को अगवा कर उसकी हत्या करने की एक सनसनीखेज वारदात को सुलझाया है। 22 साल के युवक रवि कुमार को उसकी पत्नी के प्रेमी व चालक ने अगवा कर लिया था। बाद में उसकी गला घोंटकर हत्या कर शव राजस्थान के अलवर क्षेत्रांतर्गत गांव टापुकड़ा में जमीन में दफना दिया था। पूरी वारदात में रवि की पत्नी शकुंतला भी शामिल रही। आठ साल चली लंबी जांच के बाद पुलिस ने ब्रेन मैपिंग टेस्ट के जरिए आरोपी प्रेमी कमल सिंघला (31) व उसके चालक गणेश कुमार (27) को गिरफ्तार किया। दोनों की निशानदेही पर शनिवार को टापुकड़ा गांव में खुदाई कर रवि कुमार की 25 हड्डियां बरामद की गईं। हालांकि, 2011 में आरोपियों ने शव के कुछ हिस्से को निकालकर उसे ठिकाने लगाने का प्रयास भी किया था। फिलहाल शकुंतला फरार है।
अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बीके सिंह ने बताया कि 23 मार्च 2011 को जय भगवान निवासी निवासी समालखा ने अपने बेटे रवि कुमार के गायब होने की सूचना पुलिस को दी। बताया कि 22 मार्च को उसका बेटा पत्नी व अन्य लोगों के साथ बाहर गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। 16 अप्रैल 2011 को कापसहेड़ा थाना पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। इस बीच जयभगवान ने बेटे की पत्नी शकुंतला, कमल सिंघला और शकुंतला के भाई पर शक जताया। अक्तूबर में जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई। पुलिस ने शकुंतला, कमल व उसके भाई से पूछताछ भी की, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। दो मार्च 2012 को पुलिस ने शकुंतला, उसके भाई व कमल का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया, लेकिन रिपोर्ट में तीनों ही बेकसूर आए।
इसके बाद पुलिस ने तीनों का दो नवंबर 2017 से छह नवंबर 2017 के बीच गुजरात के गांधी नगर में ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराया। ब्रेन मैपिंग टेस्ट की रिपोर्ट में कमल को रवि के गायब करने का आरोपी पाया गया। वहीं, शकुंतला को भी इसमें आरोपी पाया गया, जबकि उसके भाई को मामले में क्लीन चिट दे दी गई। इस बीच कमल व शकुंतला फरार हो गए। काफी प्रयासों के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने शालीमार कालोनी, अलवर से कमल को 27 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया। उसने अपने चालक बिहार निवासी गणेश कुमार के साथ मिलकर रवि की हत्या की बात स्वीकार कर ली। तीन अक्तूबर को गणेश को बिहार से दबोच लिया। कमल व गणेश की निशानदेही पर पुलिस ने शनिवार को रवि के शव की 25 हड्डियां अलवर के गांव से बरामद की। पुलिस हड्डियों का डीएनए टेस्ट करवाकर उसकी पहचान करेगी।
शकुंतला और कमल का प्यार बना रवि कुमार की हत्या की वजह
पूछताछ में आरोपी कमल ने खुलासा किया कि 2010 में उसका अलवर (राजस्थान) में ट्रांसपोर्ट के अलावा बिल्डिंग मैटेरियल का कारोबार था। गणेश उस समय उसका टेंपो चालक था। 2010 में कमल की मुलाकात गांव टापुकड़ा निवासी शकुंतला से हुई। दोनों की पहचान प्यार में बदल गई। आठ फरवरी 2011 को शकुंतला के परिजनों ने उसकी शादी दिल्ली में रवि कुमार से कर दी, लेकिन वह ससुराल में रहने के बजाय अपने मायके में ही रहने लगी।
अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बीके सिंह ने बताया कि 23 मार्च 2011 को जय भगवान निवासी निवासी समालखा ने अपने बेटे रवि कुमार के गायब होने की सूचना पुलिस को दी। बताया कि 22 मार्च को उसका बेटा पत्नी व अन्य लोगों के साथ बाहर गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। 16 अप्रैल 2011 को कापसहेड़ा थाना पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। इस बीच जयभगवान ने बेटे की पत्नी शकुंतला, कमल सिंघला और शकुंतला के भाई पर शक जताया। अक्तूबर में जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई। पुलिस ने शकुंतला, कमल व उसके भाई से पूछताछ भी की, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। दो मार्च 2012 को पुलिस ने शकुंतला, उसके भाई व कमल का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया, लेकिन रिपोर्ट में तीनों ही बेकसूर आए।
इसके बाद पुलिस ने तीनों का दो नवंबर 2017 से छह नवंबर 2017 के बीच गुजरात के गांधी नगर में ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराया। ब्रेन मैपिंग टेस्ट की रिपोर्ट में कमल को रवि के गायब करने का आरोपी पाया गया। वहीं, शकुंतला को भी इसमें आरोपी पाया गया, जबकि उसके भाई को मामले में क्लीन चिट दे दी गई। इस बीच कमल व शकुंतला फरार हो गए। काफी प्रयासों के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने शालीमार कालोनी, अलवर से कमल को 27 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया। उसने अपने चालक बिहार निवासी गणेश कुमार के साथ मिलकर रवि की हत्या की बात स्वीकार कर ली। तीन अक्तूबर को गणेश को बिहार से दबोच लिया। कमल व गणेश की निशानदेही पर पुलिस ने शनिवार को रवि के शव की 25 हड्डियां अलवर के गांव से बरामद की। पुलिस हड्डियों का डीएनए टेस्ट करवाकर उसकी पहचान करेगी।
शकुंतला और कमल का प्यार बना रवि कुमार की हत्या की वजह
पूछताछ में आरोपी कमल ने खुलासा किया कि 2010 में उसका अलवर (राजस्थान) में ट्रांसपोर्ट के अलावा बिल्डिंग मैटेरियल का कारोबार था। गणेश उस समय उसका टेंपो चालक था। 2010 में कमल की मुलाकात गांव टापुकड़ा निवासी शकुंतला से हुई। दोनों की पहचान प्यार में बदल गई। आठ फरवरी 2011 को शकुंतला के परिजनों ने उसकी शादी दिल्ली में रवि कुमार से कर दी, लेकिन वह ससुराल में रहने के बजाय अपने मायके में ही रहने लगी।
कमल ने शकुंतला के साथ बनाई थी हत्या की योजना
कमल के कहने पर शकुंतला 21 मार्च 2011 को पति के पास दिल्ली आ गई। उसी दिन उसने अपनी बहन के घर जाने की जिद की। शकुंतला रवि को लेकर कमल व उसके चालक गणेश के साथ सेेंट्रो कार से निकले। शकुंतला को उसकी बहन के घर छोड़ने के बाद कमल व गणेश ने कार में ही रवि की हत्या की और शव टापुकड़ा गांव ले गए। वहां कमल ने अपने प्लाट में छह फुट गड्ढा खोदकर उसमें शव दबा दिया।
70 किलोमीटर तक फेंकते चले गए शव के अवशेष
रवि के गायब होने के बाद उसके पिता ने शकुंतला, उसके भाई व कमल पर रवि को गायब करने का शक जताया। लोकल पुलिस मामले की छानबीन करती रही। अक्तूबर 2011 में मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी गई तो आरोपी डर गए और उन्होंने गांव जाकर रवि के शव को निकालने का प्रयास किया। शव लगभग सड़ चुका था तो आरोपियों ने कुछ अवशेषों को निकाल लिया और 70 किलोमीटर अलवर से रेवाड़ी के रास्ते में फेंकते चले गए। पुलिस 70 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले पुलिस स्टेशनों से संपर्क कर उस समय शव की हड्डियां मिली या नहीं इसका पता लगाने का प्रयास करेगी। पुलिस ने एसडीएम और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जेसीबी से खुदाई करवाकर हड्डियां बरामद की।
पुलिस कराएगी हड्डियों का डीएनए टेस्ट
रवि कुमार के केस को उसके अंत तक पहुंचाने के लिए अपराध शाखा टापुकड़ा गांव के प्लाट से मिली हड्डियों की डीएनए टेस्ट की तैयारी कर रही है। पुलिस उसके पिता से इनका डीएनए मिलान कराएगी। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि वारदात में शकुंतला का पूरा हाथ रहा और उसने कमल के कहने पर पति को बहाने से बाहर बुलाया, जिसके बाद कमल ने गणेश को 70 हजार रुपये देकर साथ मिलाया और रवि की हत्या कर दी। शकुंतला रवि की हत्या के बाद लगाकर कमल के साथ रह रही थी। कमल से उसको एक बच्चा है और फिलहाल वह गर्भवती भी है। पुलिस शकुंतला की तलाश कर रही है।
70 किलोमीटर तक फेंकते चले गए शव के अवशेष
रवि के गायब होने के बाद उसके पिता ने शकुंतला, उसके भाई व कमल पर रवि को गायब करने का शक जताया। लोकल पुलिस मामले की छानबीन करती रही। अक्तूबर 2011 में मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी गई तो आरोपी डर गए और उन्होंने गांव जाकर रवि के शव को निकालने का प्रयास किया। शव लगभग सड़ चुका था तो आरोपियों ने कुछ अवशेषों को निकाल लिया और 70 किलोमीटर अलवर से रेवाड़ी के रास्ते में फेंकते चले गए। पुलिस 70 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले पुलिस स्टेशनों से संपर्क कर उस समय शव की हड्डियां मिली या नहीं इसका पता लगाने का प्रयास करेगी। पुलिस ने एसडीएम और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जेसीबी से खुदाई करवाकर हड्डियां बरामद की।
पुलिस कराएगी हड्डियों का डीएनए टेस्ट
रवि कुमार के केस को उसके अंत तक पहुंचाने के लिए अपराध शाखा टापुकड़ा गांव के प्लाट से मिली हड्डियों की डीएनए टेस्ट की तैयारी कर रही है। पुलिस उसके पिता से इनका डीएनए मिलान कराएगी। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि वारदात में शकुंतला का पूरा हाथ रहा और उसने कमल के कहने पर पति को बहाने से बाहर बुलाया, जिसके बाद कमल ने गणेश को 70 हजार रुपये देकर साथ मिलाया और रवि की हत्या कर दी। शकुंतला रवि की हत्या के बाद लगाकर कमल के साथ रह रही थी। कमल से उसको एक बच्चा है और फिलहाल वह गर्भवती भी है। पुलिस शकुंतला की तलाश कर रही है।