जाटों की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा नेता ने सिर पर रखी जूती, जानिए क्या है पूरा मामला

भाजपा प्रत्याशी जगदीश नायर - फोटो : bharat rajneeti
तीन माह पहले जाटों पर की गई टिप्पणी का खामियाजा अब विधानसभा चुनावों में होडल से भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री जगदीश नायर को चुनाव प्रचार के दौरान भुगतना पड़ रहा है। एक टिप्पणी का विरोध इतना बढ़ गया कि जाटों की नाराजगी दूर करने को भाजपा प्रत्याशी ने गुरुवार को विधानसभा क्षेत्र के चौहान पाल के सबसे बड़े गांव औरंगाबाद में जाटों की जूती उठाकर सिर पर रखनी पड़ी। उसके बाद भी जाटों की नाराजगी दूर होने का नाम नहीं ले रही है।
भाजपा प्रत्याशी द्वारा इस तरह से जूती को सिर पर रखने का विडियो और फोटो भी लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर इसे राजनीतिक स्टंट बताना शुरू कर दिया है।
भाजपा प्रत्याशी द्वारा इस तरह से जूती को सिर पर रखने का विडियो और फोटो भी लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर इसे राजनीतिक स्टंट बताना शुरू कर दिया है।
कहा था- '100-100 रुपये में कुर्ता बनवाकर नेता बन जाते हैं'
आज से तीन माह पहले पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी जगदीश नायर एक पत्रकार वार्ता में जाटों पर टिप्पणी की थी कि जाट 100-100 रुपये में कुर्ता बनवाकर नेता बन जाते हैं और मंचों पर कब्जा कर लेते हैं। उनके सरकार में शामिल होने के बाद जाटों का इलाज कर दूंगा।
उनकी यह टिप्पणी का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जाटों में उनके प्रति बेहद नाराजगी बढ़ गई थी। हालांकि बाद में नेताजी ने स्पष्टीकरण भी दिया था, लेकिन बात नहीं बनी।
अब जब पूर्व मंत्री जगदीश नायर को भाजपा की टिकट मिली तो जाट समाज के लोगों ने उनका विरोध करना और तेज कर दिया। जब नायर गांवों में चुनाव प्रचार के लिए जाते हैं तो समाज के लोग उनका विरोध करने के लिए उनकों काले झंडे दिखाते हैं।
उनकी यह टिप्पणी का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जाटों में उनके प्रति बेहद नाराजगी बढ़ गई थी। हालांकि बाद में नेताजी ने स्पष्टीकरण भी दिया था, लेकिन बात नहीं बनी।
अब जब पूर्व मंत्री जगदीश नायर को भाजपा की टिकट मिली तो जाट समाज के लोगों ने उनका विरोध करना और तेज कर दिया। जब नायर गांवों में चुनाव प्रचार के लिए जाते हैं तो समाज के लोग उनका विरोध करने के लिए उनकों काले झंडे दिखाते हैं।
बृहस्पतिवार को भी ऐसा ही हुआ। जैसे ही पूर्व मंत्री चौहान पाल के बड़े गांव औरंगाबाद पहुंचे तो वहां भी उनका जाटों ने विरोध करना शुरू कर दिया। जैसे ही उन्होंने जाट समाज के लोगों से वोट मांगनी शुरू की तो लोगों ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया और उनकी टिप्पणी को याद दिला उन्हें चुनाव में सबक सिखाने की बात कही।
अपना विरोध बढ़ते देख नेताजी ने तुरंत ही जाट समाज के एक व्यक्ति की जूती हाथ ले ली और उसे अपने सिर पर रख लिया। जूती सिर पर रखकर उन्होंने सबसे पहले माफी मांगी और फिर जमीन पर बैठकर रोना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि वे अपनी गलती के लिए माफी मांगते हैं और जीवन में ऐसी गलती नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे तो वे उन्हें मार लें, लेकिन उनकी गलती के लिए माफ कर दें।
अपना विरोध बढ़ते देख नेताजी ने तुरंत ही जाट समाज के एक व्यक्ति की जूती हाथ ले ली और उसे अपने सिर पर रख लिया। जूती सिर पर रखकर उन्होंने सबसे पहले माफी मांगी और फिर जमीन पर बैठकर रोना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि वे अपनी गलती के लिए माफी मांगते हैं और जीवन में ऐसी गलती नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे तो वे उन्हें मार लें, लेकिन उनकी गलती के लिए माफ कर दें।
बाद में वहां मौजूद कुछ लोगों ने कहा कि देखेंगे और इस बारे में समाज के लोगों से बात करेंगे। उसके बाद जो निर्णय होगा, उस पर विचार किया जाएगा। इतना करने के बाद भी नेताजी को वहां से बैरंग लौटना पड़ा।
उनके जाते ही जाट समाज के लोगों ने उनके फोटो और विडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। वहीं इस बारे में भाजपा प्र्रत्याशी और पूर्व मंत्री जगदीश नायर का कहना है कि उन्होंने समाज के लोगों से माफी मांगी है।
समाज से बड़ा कोई नहीं है। भूल से यदि कोई गलती उनसे हुई तो वे माफी मांग लेते हैं। इससे कोई छोटा नहीं बनता।
उनके जाते ही जाट समाज के लोगों ने उनके फोटो और विडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। वहीं इस बारे में भाजपा प्र्रत्याशी और पूर्व मंत्री जगदीश नायर का कहना है कि उन्होंने समाज के लोगों से माफी मांगी है।
समाज से बड़ा कोई नहीं है। भूल से यदि कोई गलती उनसे हुई तो वे माफी मांग लेते हैं। इससे कोई छोटा नहीं बनता।