केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा- पनामा पेपर्स में कर चोरों के नाम के खुलासे पर रोक लगा सकती है ईडी

ईडी ने इस दौरान कहा कि इसमें उच्च स्तर के भ्रष्टाचार के संकेत हैं इसलिए उन्हें जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। ईडी ने कानून के तहत उसे मिली छूट का हवाला दिया और कहा कि मामला न्यायालय में है इसलिए इसकी जानकारी को साझा नहीं किया जा सकता। इस पर सूचना आयुक्त बिमल जुलका ने कहा, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत यह तय किया जाता है कि ईडी को कर चोरों के नाम उजागर नहीं करने का अधिकार है।
आरटीआई अधिनियम की धारा 24 (1) के तहत कुछ खुफिया और सुरक्षा संगठनों को पारदर्शिता कानून के दायरे से बाहर करती है, सूचना तब तक नहीं दी जाती है जब तक कि सूचना भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों से संबंधित नहीं होती।
बता दें कि, पनामा पेपर्स में, इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स द्वारा पनामियन लीगल फर्म मॉसैक फोंसेका के रिकॉर्ड की जांच में दुनिया के कई नेताओं और मशहूर हस्तियों का नाम सामने आया था, जिन्होंने कथित तौर पर विदेशी कंपनियों में पैसा जमा किया था।