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बुधवार, 9 अक्टूबर 2019

मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाने वाली 49 हस्तियों के खिलाफ एफआईआर के विरोध में आए थरूर

मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाने वाली 49 हस्तियों के खिलाफ एफआईआर के विरोध में आए थरूर

शशि थरूर (फाइल फोटो)
शशि थरूर (फाइल फोटो) : bharat rajneeti
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाने वाले 49 प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने पर विरोध जताया। थरूर ने सोमवार को लिखे पत्र में इन लोगों को राष्ट्रद्रोही कहे जाने पर आपत्ति जताई। थरूर ने कहा, अगर ब्रिटिश राज के तहत असंतुष्टों ने विरोध का साहस न दिखाया होता तो आजाद भारत का इतिहास कुछ अलग होता। थरूर ने बिहार के मुजफ्फरपुर में 49 लोगों के खिलाफ एफआईआर पर बेहद असंतोष जताते हुए कहा कि वे इसका कड़ा विरोध करते हैं। 

आलोचना के बिना लोकतंत्र संभव नहीं : थरूर

इन लोगों ने 23 जुलाई को पीएम को पत्र लिखकर मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया था। थरूर ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं चाहे सामुदायिक कारणों से हों या अफवाहों से, इसके प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करना और चिंता जताना गलत नहीं है। उन्होंने कहा, आलोचना के बिना लोकतंत्र संभव नहीं है।

थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी से जनता के असंतोष का स्वागत करने की अपील की फिर चाहे सरकार उस मुद्दे से सहमत हो या नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को कायम रखने का जो आश्वासन दिया था उन्हें उसे सुनिश्चित करना चाहिए।

'मन की बात कहीं 'मौन की बात' न बन जाए'

इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फिल्मकार अनुराग कश्यप समेत मॉब लिंचिंग पर सरकार को खत लिखने अन्य वालों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने को लेकर कांग्रेेस नेता ने अपना खत ट्वीट कर प्रतिक्रिया रखी। उन्होंने लिखा- हम उम्मीद करते हैं कि आप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करेंगे ताकि मन की बात कहीं मौन की बात न बन जाए।

उन्होंने पीएम मोदी के एक पुराने भाषण का हवाला देते हुए कहा कि पीएम जी, आपने साल 2016 में यूएस कांग्रेस को संबोधित करते हुए भारत के संविधान को पवित्र किताब बताया था। आपने कहा था कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति, भाषण और समानता का अधिकार देता है।

'बोलने के अधिकार का सम्मान करे सरकार'

अनुच्छेद 19(1) यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जिक्र करते हुए शशि थरूर लिखते हैं कि हर किसी को बोलने का अधिकार है और सरकार को उस स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए। देश के सभी लोग पीएम मोदी से अपेक्षा करते हैं कि उनकी सरकार बोलने की आजादी का सम्मान करेगी।
 
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जो लोग सरकार के खिलाफ बात करते हैं उन्हें देशद्रोही मान लिया जाता है। लेकिन ऐसा होने से लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है और उन्हें लगता है कि एजेंसियों और सरकारों को उसका सम्मान करना चाहिए। 

कई हस्तियों ने पीएम मोदी को पत्र लिख जताई थी मॉब लिंचिंग पर चिंता

शशि थरूर ने आगे लिखा कि भारत के नागरिक के तौर पर हम चाहते हैं कि बगैर किसी डर के आपके समक्ष राष्ट्र महत्व से जुड़ी बातें रखे पाएं, ताकि आप तक बातें पहुंचे और फिर आप उसपर कोई फैसला ले सकें। हम उम्मीद करते हैं कि आप भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करेंगे ताकि 'मन की बात' 'मौन की बात न' बन पाए।

मालूम हो कि बीते जुलाई में देश के कुछ लेखकों, फिल्मकारों और अन्य हस्तियों ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर देश में हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जताई थी। पीएम मोदी को लिखे इस पत्र के बाद बिहार में रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था।

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