महाबलीपुरम : विरासत की जमीन पर दुनिया के दो सबसे बड़े ताकतवर नेताओं के नए रिश्तों की कदमताल

खास बातें
- तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच अनौपचारिक मुलाकात
- कांग्रेस ने कहा, मोदी दिखाएं चीन को 56 इंच की छाती
- जिनपिंग का भारत दौरा: इमरान ने हांगकांग से की कश्मीर की तुलना
दक्षिण भारत के ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। महाबलीपुरम का चीन से 1700 साल पुराना नाता रहा है, लिहाजा विरासत की जमीन पर दुनिया के दो सबसे बड़े ताकतवर नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। सफेद धोती, शर्ट और अंगवस्त्रम पहने मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को महाबलीपुरम के प्राचीन मंदिरों और धरोहरो की अनमोल विरासत से रूबरू कराया। पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने अर्जुन की तपोस्थली के दर्शन किए। इस दौरान दोनों नेताओं के रिश्तों में भी गर्मजोशी देखने को मिली। पीएम ने जिनपिंग को इस ऐतिहासिक स्थल के बारे में कुछ बताया, जिसे चीनी राष्ट्रपति काफी ध्यान से सुनते नजर आए।
इसके बाद मोदी और जिनपिंग ने कृष्णा बटर बॉल का भ्रमण किया। करीब 250 टन वजनी यह प्राकृतिक चट्टान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस चट्टान के बारे में कहा जाता है कि 1200 साल से यह एक ही स्थान पर है। ढलान पर होने के बाद भी यह भारी भरकम चट्टान सदियों से एक ही जगह जमी है।
पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने साथ में पंच रथ का भ्रमण किया। महाभारत के पात्रों के नाम पर पंच रथ बनवाया गया है। इस दौरान पीएम और चीनी राष्ट्रपति ने एक-दूसरे का हाथ पकड़े फोटो भी खिंचाई। शाम होते ही शोर मंदिर में दोनों नेताओं ने रामायण की कहानी का मंचन भी देखा। यह सांस्कृतिक नृत्य भारत के प्रसिद्ध नृत्य समूह कलाक्षेत्र द्वारा पेश किया गया, जिसे मशहूर शास्त्रीय नृत्यांगना रुक्मणि देवी ने कोरियोग्राफ किया।
इसके बाद मोदी और जिनपिंग ने कृष्णा बटर बॉल का भ्रमण किया। करीब 250 टन वजनी यह प्राकृतिक चट्टान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस चट्टान के बारे में कहा जाता है कि 1200 साल से यह एक ही स्थान पर है। ढलान पर होने के बाद भी यह भारी भरकम चट्टान सदियों से एक ही जगह जमी है।
पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने साथ में पंच रथ का भ्रमण किया। महाभारत के पात्रों के नाम पर पंच रथ बनवाया गया है। इस दौरान पीएम और चीनी राष्ट्रपति ने एक-दूसरे का हाथ पकड़े फोटो भी खिंचाई। शाम होते ही शोर मंदिर में दोनों नेताओं ने रामायण की कहानी का मंचन भी देखा। यह सांस्कृतिक नृत्य भारत के प्रसिद्ध नृत्य समूह कलाक्षेत्र द्वारा पेश किया गया, जिसे मशहूर शास्त्रीय नृत्यांगना रुक्मणि देवी ने कोरियोग्राफ किया।
खुद पीएम ने भेंट किया नारियल पानी
ऐतिहासिक धरोहरों का दर्शन करने के बाद विश्राम के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने नारियल पानी पिया। पीएम ने अपने हाथों से नारियल और टिश्यू पेपर जिनपिंग को बढ़ाया। इस दौरान दोनों नेताओं ने अपने साथ मौजूद एक चीनी स्टाफ से चर्चा की और नारियल पानी का लुत्फ उठाया।
जिनपिंग ने उठाया दक्षिण भारतीय व्यंजन का लुत्फ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दूसरे अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान वेशभूषा के साथ ही खाने में भी पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजन छाये रहे। दो दिवसीय भारत दौरे के पहले दिन के रात्रिभोज में सांभर, और मसूर की दाल से बने लजीज दक्षिण भारतीय पकवान शामिल थे। मेन्यू में शामिल व्यंजन में सबके आकर्षण का केंद्र ‘अराचू विट्टा सांभर’ रहा।
इसको और लजीज बनाने के लिए मसूर की पीसी दाल, कुछ खास मसाले और नारियल का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा इमली और टमाटर सेे तैयार ‘तक्कली रसम’ मटर से तैयार ‘कदाली कुरुमा’ के साथ ही मिष्ठान के तौर पर हलवा भी शामिल था। उनके लिए चुनिंदा मांसाहार व्यंजन का भी प्रबंध किया गया था।
इसको और लजीज बनाने के लिए मसूर की पीसी दाल, कुछ खास मसाले और नारियल का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा इमली और टमाटर सेे तैयार ‘तक्कली रसम’ मटर से तैयार ‘कदाली कुरुमा’ के साथ ही मिष्ठान के तौर पर हलवा भी शामिल था। उनके लिए चुनिंदा मांसाहार व्यंजन का भी प्रबंध किया गया था।
चेन्नई एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का चेन्नई पहुंचने पर भव्य स्वागत किया। एयरपोर्ट पर लोक नर्तकों और भरतनाट्यम कलाकारों ने तमिल सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उनका स्वागत किया। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, सीएम के पलानीस्वामी, डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम भी उनकी अगवानी को मौजूद रहे। करीब 500 तमिल लोक कलाकारों ने ‘ताप्पट्टम’ और ‘पोई कल कुठिराई’ समेत प्रस्तुतियां दीं। चीनी राष्ट्रपति ने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। कार में बैठने से पहले मंदिर के पुजारियों ने परंपरागत तरीके से जिनपिंग का स्वागत किया।
फलों, सब्जियों से बनाया तोरणद्वार
चीनी राष्ट्रपति की अगवानी के लिए महाबलीपुरम को दुल्हन की तरह सजाया गया है। पारंपरिक तोरणद्वार को सजाने के लिए 18 तरह के फल और सब्जियों का इस्तेमाल किया गया। इसमें अलग-अलग विभागों के तकरीबन 200 कर्मचारियों ने 10 घंटे की मशक्कत की। खास बात यह है कि इन फलों और सब्जियों को राज्य के अलग-अलग हिस्सों से यहां लाया गया है।
11 तिब्बती प्रदर्शनकारी हिरासत में
चेन्नई। पुलिस ने चीनी राष्ट्रपति की यात्रा का विरोध कर रहे 11 तिब्बतियों को हिरासत में लिया है। ये प्रदर्शनकारी कथित तौर पर एयरपोर्ट और पांच सितारा होटल के बाहर तिब्बत का झंडा लेकर विरोध कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि जिस होटल में चीनी राष्ट्रपति ठहरे हैं, वहां से पांच प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। एक को ऑटोरिक्शा से जबकि चार को अन्य वाहन से वहां से ले जाया गया। फिलहाल किसी के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।
मोदी दिखाएं चीन को 56 इंच की छाती : सिब्बल

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि पीएम मोदी को 56 इंच का सीना चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दिखाते हुए कहना चाहिए कि वह पाक के कब्जे वाले कश्मीर की पांच हजार किलोमीटर जमीन खाली करें।
उन्हें यह भी साफ कर देना चाहिए कि भारत में 5जी के लिए हुवावेई को जगह नहीं है। सिब्बल की यह टिप्प्णी भारत-चीन के नेताओं की मुलाकात से पहले आई है। सिब्बल ने कहा, जिनपिंग अनुच्छेद 370 पर इमरान खान का समर्थन करते हैं। मोदी जी मामल्लपुरम में उनकी आंखों में आंखें डालिए और बोलिए. पीओके कारकोरम पार और उसके कब्जे वाली 5000 किलोमीटर की भूमि खाली करो।
उन्हें यह भी साफ कर देना चाहिए कि भारत में 5जी के लिए हुवावेई को जगह नहीं है। सिब्बल की यह टिप्प्णी भारत-चीन के नेताओं की मुलाकात से पहले आई है। सिब्बल ने कहा, जिनपिंग अनुच्छेद 370 पर इमरान खान का समर्थन करते हैं। मोदी जी मामल्लपुरम में उनकी आंखों में आंखें डालिए और बोलिए. पीओके कारकोरम पार और उसके कब्जे वाली 5000 किलोमीटर की भूमि खाली करो।
जिनपिंग का भारत दौरा: इमरान ने हांगकांग से की कश्मीर की तुलना

जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश में हताश हो चुके पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अपने सहयोगी देश चीन को भी नहीं बख्शा।
पाकिस्तानी पीएम ने चीन की तरफ से समर्थन मिलने के बावजूद उसकी दुखती रग बन चुके हांगकांग की तुलना कश्मीर से कर डाली। इमरान ने कहा कि इंटरनेशनल मीडिया हांगकांग में चल रहे चीन विरोधी प्रदर्शनों को जबरदस्त कवरेज दे रहा है, लेकिन यही मीडिया कश्मीर के मुद्दे की अनदेखी कर रहा है।
इमरान ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई के पास महाबलीपुरम में अनौपचारिक शिखर वार्ता कर रहे थे।
अपने ट्वीट में हांगकांग और कश्मीर की मीडिया कवरेज की तुलना करने के बाद इमरान खान इस्लामाबाद के डी-चौक पर पहुंचे, जहां उन्होंने कश्मीर के लोगों के साथ ‘एकजुटता’ दिखाने के लिए इस्लामाबाद में आयोजित मानव शृंखला कार्यक्रम में हिस्सेदारी की।
इस दौरान इमरान ने कहा, नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीनकर अपना आखिरी कार्ड खेल लिया है, लेकिन उन्होंने गलती कर दी है। कश्मीर के लोग कभी भी इस निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे और जब प्रतिबंध हटाए जाएंगे तो वे आगे आकर विरोध जताएंगे।
पाकिस्तानी पीएम ने चीन की तरफ से समर्थन मिलने के बावजूद उसकी दुखती रग बन चुके हांगकांग की तुलना कश्मीर से कर डाली। इमरान ने कहा कि इंटरनेशनल मीडिया हांगकांग में चल रहे चीन विरोधी प्रदर्शनों को जबरदस्त कवरेज दे रहा है, लेकिन यही मीडिया कश्मीर के मुद्दे की अनदेखी कर रहा है।
इमरान ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई के पास महाबलीपुरम में अनौपचारिक शिखर वार्ता कर रहे थे।
अपने ट्वीट में हांगकांग और कश्मीर की मीडिया कवरेज की तुलना करने के बाद इमरान खान इस्लामाबाद के डी-चौक पर पहुंचे, जहां उन्होंने कश्मीर के लोगों के साथ ‘एकजुटता’ दिखाने के लिए इस्लामाबाद में आयोजित मानव शृंखला कार्यक्रम में हिस्सेदारी की।
इस दौरान इमरान ने कहा, नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीनकर अपना आखिरी कार्ड खेल लिया है, लेकिन उन्होंने गलती कर दी है। कश्मीर के लोग कभी भी इस निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे और जब प्रतिबंध हटाए जाएंगे तो वे आगे आकर विरोध जताएंगे।