नाइजीरियन ठगों के बारे चौंकाने वाले खुलासे, फर्जी आईडी बनाकर महिलाओं को ऐसे फंसाते थे जाल में

पुलिस ने नाइजीरियन के बारे में खुलासा किया - फोटो : bharat rajneeti
ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार नाइजीरियन शादी की वेबसाइट पर फर्जी आईडी बनाकर जरूरतमंद एवं पैसे वाली तलाकशुदा महिलाओं को तलाश कर संपर्क करते थे। किसी व्यवसाय से जुड़ीं, नौकरी पेशे वाली महिलाओं को आरोपी दोस्ती के जाल में फंसाते थे। पुलिस द्वारा बरामद किए गए लैपटॉप में सैकड़ों फर्जी फेसबुक आईडी मिली है। मंडी कोतवाली पुलिस ने बुधवार को दो नाइजीरियन युवकों पॉल हैरिस, जॉर्ज और उनकी साथी भारतीय युवती सिरिजा को गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि तीनों मिलकर अपने लैपटॉप पर फर्जी फेसबुक आईडी, मेल आईडी बनाकर लोगों के साथ दोस्ती करके धोखाधड़ी करते थे। आरोपी शादी की वेबसाइट पर ऐसी महिलाओं से संपर्क करते थे जिनसे पैसे मिलने की उम्मीद रहती थी। व्यवसायिक, नौकरी पेशे वाली तलाकशुदा अथवा विधवा महिला को ही अपने जाल में फंसाते थे।
पीड़ित महिला के साथ भी कृष्णा कुमार के नाम की फर्जी एनआरआई की आईडी बनाकर दोस्ती की थी। महिला को बताया कि वह एनआरआई है और विदेश से सोना लेकर आ रहा है। उसके दो बच्चे भी हैं। अपना जन्मदिन वह भारत में ही मनाएगा। इस प्रकार अपने आपको हाईप्रोफाइल दिखाकर महिलाओं को जाल में फंसाते थे। फिर कस्टम की ओर से पकड़े जाने की बात कहकर कस्टम विभाग की महिला अधिकारी बनाकर अपनी साथी से ही फोन कराते थे। अलग-अलग खाते में ही पैसे मंगवाते थे, जिससे किसी को शक न हो सके। आरोपियों से बरामद लैपटॉप स्क्रीन पर कृष्णा नाम से फोल्डर बना मिला। जिसमें 99 फोटोग्राफ मिले, जिन्हें शादी की वेबसाइट पर अपलोड करके पीड़िता के साथ धोखाधड़ी की गई थी। आरोपियों के लैपटॉप में कई फोल्डर, कई आईडी एवं बायोडाटा भी मिले।
पीड़ित महिला के साथ भी कृष्णा कुमार के नाम की फर्जी एनआरआई की आईडी बनाकर दोस्ती की थी। महिला को बताया कि वह एनआरआई है और विदेश से सोना लेकर आ रहा है। उसके दो बच्चे भी हैं। अपना जन्मदिन वह भारत में ही मनाएगा। इस प्रकार अपने आपको हाईप्रोफाइल दिखाकर महिलाओं को जाल में फंसाते थे। फिर कस्टम की ओर से पकड़े जाने की बात कहकर कस्टम विभाग की महिला अधिकारी बनाकर अपनी साथी से ही फोन कराते थे। अलग-अलग खाते में ही पैसे मंगवाते थे, जिससे किसी को शक न हो सके। आरोपियों से बरामद लैपटॉप स्क्रीन पर कृष्णा नाम से फोल्डर बना मिला। जिसमें 99 फोटोग्राफ मिले, जिन्हें शादी की वेबसाइट पर अपलोड करके पीड़िता के साथ धोखाधड़ी की गई थी। आरोपियों के लैपटॉप में कई फोल्डर, कई आईडी एवं बायोडाटा भी मिले।
मार्च में ही खत्म हो चुका है वीजा
एसपी सिटी ने बताया कि पॉल हैरिस बिजनेस वीजा पर भारत आया था। मार्च में उसका वीजा समाप्त हो गया था। उसने नवीनीकरण भी नहीं कराया, जबकि जार्ज ने बताया कि उसका पासपोर्ट कहीं खो गया है। उसने पासपोर्ट खोने की कोई रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराई। आरोपियों ने पीड़ित महिला से लिए हुए पैसों को मौज मस्ती में खर्च कर दिया।
चार साल से नोएडा में रह रही थी युवती
एसपी सिटी ने बताया कि वाराणसी की रहने वाली सिरिजा ने बताया कि वह चार साल पहले ही नोएडा आई थी। नाइजीरियन युवकों से उसकी मुलाकात एक कॉलेज में हुई थी। वह नोएडा के एक यूनिवर्सिटी में पढ़ती है। तीनों ने मिलकर आईडी बनाई।
चार साल से नोएडा में रह रही थी युवती
एसपी सिटी ने बताया कि वाराणसी की रहने वाली सिरिजा ने बताया कि वह चार साल पहले ही नोएडा आई थी। नाइजीरियन युवकों से उसकी मुलाकात एक कॉलेज में हुई थी। वह नोएडा के एक यूनिवर्सिटी में पढ़ती है। तीनों ने मिलकर आईडी बनाई।
प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका है पीड़िता
एसपी सिटी ने बताया कि पीड़िता सहारनपुर के एक प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका है। जिसका अपने पति से तलाक का मामला चल रहा है। वह इसी के चलते शादी की वेबसाइट पर अपना जीवनसाथी तलाश कर रही थी।
साइबर सेल की टीम 15 दिन तक करती रही पीछा
एसपी सिटी ने बताया कि पहले तो ठगों का पता ही नहीं चल पा रहा था। आरोपी वाई-फाई का प्रयोग कर रहे थे, जिसमें आईपी एड्रेस नहीं मिल पा रहा था, लेकिन एक बार गलती की और साइबर सेल के हाथ आईपी एड्रेस लग गया। जिसके बाद लगातार 15 दिन तक टीम पीछे लगी रही। नाइजीरियन नागरिकों ने भी अपना मकान बदल लिया था। आखिरकार उन्हें नोएडा से पकड़ लिया गया। टीम में मंडी कोतवाली प्रभारी अशोक सोलंकर, रघुराज सिंह, पवन सिंह, साइबर सेल प्रभारी सत्येंद्र कुमार राय, गौरव तोमर, कविता, अंतिम तंवर, सुमित समेत एक दर्जन लोग शामिल रहे।
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साइबर सेल की टीम 15 दिन तक करती रही पीछा
एसपी सिटी ने बताया कि पहले तो ठगों का पता ही नहीं चल पा रहा था। आरोपी वाई-फाई का प्रयोग कर रहे थे, जिसमें आईपी एड्रेस नहीं मिल पा रहा था, लेकिन एक बार गलती की और साइबर सेल के हाथ आईपी एड्रेस लग गया। जिसके बाद लगातार 15 दिन तक टीम पीछे लगी रही। नाइजीरियन नागरिकों ने भी अपना मकान बदल लिया था। आखिरकार उन्हें नोएडा से पकड़ लिया गया। टीम में मंडी कोतवाली प्रभारी अशोक सोलंकर, रघुराज सिंह, पवन सिंह, साइबर सेल प्रभारी सत्येंद्र कुमार राय, गौरव तोमर, कविता, अंतिम तंवर, सुमित समेत एक दर्जन लोग शामिल रहे।
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