नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की मां बोलीं- बेटे-बहू ने कर दिया गर्व से सिर ऊंचा - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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मंगलवार, 15 अक्तूबर 2019

नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की मां बोलीं- बेटे-बहू ने कर दिया गर्व से सिर ऊंचा

नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की मां बोलीं- बेटे-बहू ने कर दिया गर्व से सिर ऊंचा

अभिजीत बनर्जी की मां
अभिजीत बनर्जी की मां - फोटो : bharat rajneeti
बेटे और बहू को अर्थशास्त्र का नोबेल मिलने की घोषणा होते हुए मां निर्मला बनर्जी का सिर एक बार फिर गर्व से ऊंचा हो गया। अपनी कामयाबी से खुशियों के सातवें आसमान पर इस बार अकेले बेटे ने नहीं बिठाया था बहू एस्थर डुफ्लो भी इसमें शामिल थीं। निर्मला कहती हैं अभिजीत की कामयाबी उन्हें खुशी देती रही है, लेकिन इस बार खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा, बेटे-बहू ने नोबेल जो जीत लिया। निर्मला ने कहा, मैं बेटे की इस कामयाबी से बहुत खुश हूं, मेरी बात तो नहीं हुई उससे क्योंकि अमेरिका में अभी रात होगी और शायद वह अभी सो रहा होगा। वह हमेशा से अनुशासित रहा है, एक होनहार छात्र जिसने हमेशा पढ़ाई पर ध्यान दिया। बहू एस्थर के लिए उन्होंने कहा, इतनी कम उम्र में उसे यह कामयाबी मिली। वह भी खूब होशियार है। मुझे अपने दोनों बच्चों पर गर्व है। अर्थशास्त्रियों के बीच पले बढ़े अभिजीत की मां सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज में प्रोफेसर रह चुकी हैं और उनके पिता दीपक बनर्जी प्रेसिडेंसी कॉलेज जो अब विश्वविद्यालय है में अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष रह चुके हैं।

सांख्यिकी बीच में छोड़ अर्थशास्त्र पढ़ा

निर्मला बताती हैं कि साउथ प्वाइंट स्कूल से 12वीं के बाद अभिजीत ने इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट (आईएसआई) में बी स्टैट में दाखिला लिया, लेकिन बीच में ही सांख्यिकी छोड़कर प्रेसीडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र पढ़ने के लिए लौट आया। यहां से 1981 में बीएससी की। भौतिकी का तब विकल्प था लेकिन उसने अर्थशास्त्र को चुना।  पुराने दिन याद कर वह कहती हैं,  आईएसआई हमारे घर से काफी दूर भी था।

हार्वर्ड से की पीएचडी

58 वर्षीय अभिजीत ने 1988 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी। निर्मला ने बताया कि गरीबी को लेकर अभिजीत की समझ शानदार थी। गरीब कैसे जीवन यापन करते हैं इसको लेकर उसने विशेष काम किया था। हमारे बीच अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर हमेशा चर्चा होती थी। अभिजीत अभी मैसाच्युसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं।

अमर्त्य सेन के बाद अभिजीत ने बढ़ाया मान

प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी ने भी अभिजीत को बधाई दी। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार देबज्योति कोनार ने कहा, हमारे दोनों पूर्व छात्रों ने नोबेल जीतकर हमारा मान बढ़ाया है। अमर्त्य सेन के बाद अब अभिजीत को अर्थव्यवस्था का नोबेल हमारे संस्थान के लिए गर्व की बात है।

ममता ने दी बधाई

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नोबेल जीतने के लिए अभिजीत बनर्जी को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, एक बार फिर नोबेल जीतकर बंगाली ने देश का मान बढ़ाया है, दिल की गहराइयों से अभिजीत को इस शानदार सफलता के लिए बधाई। ये हमारे लिए खुशी का पल है।’

जेएनयू में जश्न

पूर्व छात्र अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबेल मिलने पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी जश्न का माहौल है। अभिजीत को पढ़ा चुके प्रोफेसर अंजान मुखर्जी ने कहा, हमें विश्वास था कि अभिजीत की मेहनत और लगन को एक दिन बड़ा सम्मान मिलेगा। मैंने उसे ईमेल पर बधाई दी है। सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग में मैंने उसे पढ़ाया था। वह हमारे सबसे अच्छे छात्रों में से था, हमें उस पर गर्व है। मुखर्जी ने कहा, 2008 में जब उसकी किताब आई थी, हमें तब ही लगा था कि ये एक दिन नोबेल जरूर जीतेगा। अब हम गर्व से कह सकेंगे कि हमने नोबेल विजेता को पढ़ाया है।

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