
झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे भाजपा के बागी वरिष्ठ नेता सरयू राय का प्रचार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। जनता दल यूनाइटेड जमशेदपुर पूर्व से चुनाव लड़ रहे सरयू राय का पहले ही समर्थन करने का एलान कर चुकी है।
जदयू के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जमशेदपुर पूर्वी में चुनाव मैदान में उतरे सरयू राय का पार्टी समर्थन करेगी। सरयू राय की उम्मीदवारी को देखते हुए जदयू ने जमशेदपुर पूर्वी से अपना उम्मीदवार वापस लेने का फैसला कर लिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरयू राय के लिए जदयू अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार भी करेंगे, ललन सिंह ने कहा कि यदि सरयू राय ने इसके लिए अनुरोध किया तो अवश्य ही नीतीश उनके लिए प्रचार करेंगे।
उन्होंने कहा कि जदयू और भाजपा का राजनीतिक गठबंधन सिर्फ बिहार तक सीमित है, लिहाजा दोनों दल देश के अन्य हिस्सों में चुनाव ल़ड़ने के फैसले के लिए स्वतंत्र हैं। बता दें कि झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
जमशेदपुर पश्चिम से टिकट नहीं मिलने से नाराज सरयू राय ने बागी तेवर अपना लिये हैं और उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से मुख्यमंत्री दास के खिलाफ सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन अपना पर्चा दाखिल कर दिया।
नीतीश कुमार के साथ नजदीकी भाजपा से टिकट न मिलने का कारण: सरयू राय
झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा कि भाजपा द्वारा उन्हें टिकट नहीं देने की एक वजह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी नजदीकी हो सकती है। नीतीश कुमार ने दिसंबर 2017 में पटना में किताब ‘समय का लेख’ का विमोचन किया था।
उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सूची को मंजूरी देने वाले भाजपा संसदीय बोर्ड के कम से कम तीन सदस्यों ने मुझे बताया कि नीतीश कुमार द्वारा 2017 में मेरी पुस्तक का विमोचन किए जाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई गई और संभवत: यही मुझे टिकट नहीं दिये जाने का एक कारण बना।
राय ने कहा कि वह इसे समझ नहीं पा रहे हैं क्योंकि नीतीश ने 2017 में एक बार फिर भाजपा से हाथ मिलाकर बिहार में राजग सरकार का गठन किया। मेरी पुस्तक गैर-राजनीतिक विषय पर थी और नीतीश कुमार से इसका विमोचन कराना कोई अपराध नहीं है। राय के दावे पर भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है ।
बिहार के मुख्यमंत्री से निकटता के कारण टिकट दिए जाने से मना करने के राय के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के प्रदेश महासचिव दीपक प्रकाश ने कहा कि मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि यह पार्टी के संसदीय बोर्ड का फैसला है।