राफेल पर मोदी सरकार को बड़ी राहत, SC ने खारिज की पुनर्विचार याचिका - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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गुरुवार, 14 नवंबर 2019

राफेल पर मोदी सरकार को बड़ी राहत, SC ने खारिज की पुनर्विचार याचिका

राफेल लड़ाकू विमान डील मामले में सुप्रीम कोर्ट में 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दाखिल की गई थी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ इस पुनर्विचार याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगी.
राफेल पर मोदी सरकार को बड़ी राहत
  • सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील में दखल देने से किया था इनकार
  • चीफ जस्टिस समेत तीन न्यायमूर्तियों की पीठ सुनाएगी फैसला
सुप्रीम कोर्ट आज राफेल विमान डील और सबरीमाला मामले में अपना फैसला सुनाएगा. राफेल विमान डील मामले में शीर्ष अदालत के 2018 के आदेश पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण समेत अन्य लोगों की ओर से पुनर्विचार के लिए याचिका दाखिल की गई थी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ इस पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाएगी.

कोर्ट में दायर याचिका में डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. साथ ही 'लीक' दस्तावेजों के हवाले से आरोप लगाया गया है कि डील में PMO ने रक्षा मंत्रालय को बगैर भरोसे में लिए अपनी ओर से बातचीत की है. कोर्ट में विमान डील की कीमत को लेकर भी याचिका डाली गई है. हालांकि कोर्ट साफ कर चुका है कि बिना ठोस सबूतों के वह रक्षा सौदे में कोई भी दखल नहीं देगा. ऐसे में अब कोर्ट इन सभी याचिकाओं को लेकर अपना फैसला सुना सकता है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, उससे पहले उनकी बेंच के सामने कई बड़े फैसले घोषित करने के लिए बचे हुए हैं. इसके अलावा कई फैसले सुनाए जा चुके हैं. अब राफेल डील और सबरीमाला विवाद पर गुरुवार को फैसला आ रहा है.

लोकसभा चुनाव के दौरान राफेल विमान डील का मामला काफी सुर्खियों में रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर पीएम मोदी को जमकर घेरा था. उन्होंने इस मामले को लेकर पीएम मोदी को 'चौकीदार चोर है' तक कह दिया था. सुप्रीम कोर्ट में फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदने को लेकर दो जनहित याचिका दायर की गई थीं, जिसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था. इसके अलावा लड़ाकू विमान की कीमत, करार और कंपनी की भूमिका पर सवाल खड़ा किया गया था.

कोर्ट ने की ये टिप्पणी

पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राफेल विमान खरीद प्रक्रिया पर कोई सवाल खड़े नहीं किए गए थे. सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल से जुड़ा है. लिहाजा वह इस मामले में दखल नहीं दे सकती है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी. इसमें सरकार पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किए जाने का आरोप लगाया गया था.

वहीं, अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने पीठ से कहा था, 'हमने एक आईजीए पर हस्ताक्षर किया है. हम उसका पालन करने को मजबूर हैं. राफेल सजावट के लिए नहीं है. यह देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है. दुनिया में कहीं भी ऐसे मामले अदालत में नहीं जाते हैं.'

अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा था कि आईजीए के अनुच्छेद 10 के मुताबिक सौदे में मूल्य का खुलासा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने पर जोर देते हुए कहा, 'यह मामला भारत और फ्रांस के बीच अंतर सरकारी समझौते के गोपनीयता और रक्षा सौदों से जुड़ा है.

राफेल डील को लेकर का विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं ने एक रिज्वाइंडर दाखिल किया, जिसमें कहा गया कि 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. पिछली बार मामले की सुनवाई के दौरान कई जानकारियों को छिपाया गया.

वहीं, राफेल विमान सौदे को लेकर भारत और फ्रांस अब आगे बढ़ चुके हैं. भारत को पहला राफेल विमान भी मिल चुका है. हालांकि अब केस पर उसका कोई असर नहीं पड़ रहा है.

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