
- असम में हुई हिंसा पर पुलिस की कार्रवाई
- असम पुलिस ने अभी तक 190 को गिरफ्तार किया
- असम में आज से ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा शुरू
असम पुलिस के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत का कहना है कि पुलिस के एक्शन में चार लोगों की मौत हो गई है. ऐसे हालात बन गए थे कि पुलिस को फायरिंग करनी ही पड़ी, हालांकि अब हालात काफी हद तक सुधर गए हैं. डीजीपी बोले कि अभी तक 136 केस रजिस्टर हुए हैं, 190 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इनमें अधिकतर विरोध असम में हुआ है. पूरे राज्य में अभी तक पुलिस ने 3000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है.
पुलिस का दावा है कि हिंसा के पीछे राजनीतिक साजिश है, इसके अलावा अभी तक पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत हुई है. जिन युवा छात्रों को प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए हिरासत में लिया गया था, उन्हें काउंसलिंग के बाद छोड़ दिया गया है.बता दें कि पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बीते दिनों से इंटरनेट की सुविधा बंद थी. हालांकि, मंगलवार को राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट की सुविधा को फिर से शुरू किया जा सकता है, इसके अलावा डिब्रूगढ़, गुवाहाटी समेत कई इलाकों में दिन में कर्फ्यू में छूट दी गई है.
कई हिस्सों में जारी है विरोध प्रदर्शन
पूर्वोत्तर में असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. पूर्वोत्तर के नागरिकों का कहना है कि नए कानून के कारण उनकी अस्मिता, संस्कृति खतरे में पड़ सकती है. हालांकि, सरकार की ओर से आश्वासन दिया जा रहा है कि इस कानून से ऐसा नहीं होगा.नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है. दिल्ली के जामिया इलाके में इस विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप भी ले लिया था, मंगलवार को इसी मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार भी किया है. जामिया के अलावा देश के अन्य हिस्सों भी छात्र संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं.