
- 17 विदेशी राजनयिकों का कश्मीर दौरा
- पिछली बार गए थे 23 EU सांसद
- केंद्र ने इस बार दी आधिकारिक मंजूरी
पिछली बार जब यूरोपीय संघ के 23 सांसद कश्मीर के दौरे पर गए थे तब उन्होंने अपना निजी दौरा बताया था जिसे लेकर सियासी घमासान मच गया था. लेकिन इस बार केंद्र सरकार की अनुमति से 17 राजनयिकों का दल घाटी जा रहा है जिसमें लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. केंद्र सरकार ने इन देशों के आग्रह के बाद उनसे राजनयिकों की लिस्ट मांगी थी जिन्हें वह कश्मीर दौरे पर भेजना चाहते हैं. यह दल घाटी में उप राज्यपाल समेत सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात कर वहां के जमीनी हालात का आकलन करेगा.
कैसे अलग है दौरा
पिछली बार EU के जो सांसद कश्मीर के दौरे पर गए थे वह भी दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े हुए थे. इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने तब अपनी रिसर्च में पाया कि EU प्रतिनिधिमंडल के 17 नेता सोशल मीडिया पर भी अपनी दक्षिणपंथी विचारधारा के लिए जाने जाते हैं. साथ ही इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य राष्ट्रवादी, अप्रवासी विरोधी कट्टर इस्लामिक विचारों के प्रखर आलोचक थे. पिछले दौरे पर गए दल के चार सदस्य फ्रांस की रिपब्लिकन पार्टी से ताल्लुक रखते हैं.इस बार के केंद्र सरकार की ओर से 17 देशों के राजनयिकों को आधिकारिक तौर पर इजाजत दी गई है. साथ ही इस दौरे के लिए सभी जरूरी इंतजाम केंद्र सरकार की ओर से किए गए हैं. इसमें पुख्ता सुरक्षा इंतजाम से लेकर घाटी के विशिष्ट नेताओं से इन विदेशी नेताओं की मुलाकात शामिल है. ईयू के सदस्य अलग से कश्मीर का दौरा कर हिरासत में बंद वहां के पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करना चाहते थे जिसको केंद्र सरकार ने फिलहाल इजाजत नहीं दी है. इसके लिए अलग सुरक्षा इंतजाम के बंदोबस्त करने होंगे.