
सबसे ज्यादा रहेगा डिजिटल पर फोकस
विज्ञापन एजेंसियों के मुताबिक इस बार पार्टियों का सबसे ज्यादा फोकस सोशल मीडिया पर रहेगा। हालांकि पार्टियां प्रिंट और आउट ऑफ होम जैसे पारंपरिक प्रचार माध्यमों पर भी खर्च करेंगे। हालांकि आप और भाजपा बड़ी कंपनियों के बजाए कई छोटी कंपनियों के जरिए अपना प्रचार करेगी। इसके अलावा पार्टियों के प्रचार विभाग भी इस तरह के विज्ञापन खुद भी तैयार करेंगे।इन पर रहेगा फोकस
राजनीतिक विज्ञापनों के खर्च पर लगाम के कारण सभी दल इनडायरेक्ट तरीकों का इस्तेमाल करके ट्विटर, व्हाट्सएप समूह, फेसबुक ब्लॉग, टिकटॉक और अन्य माध्यमों पर विज्ञापन देंगे। कंपनियों का कहना है कि इस तरह के विज्ञापनों को आसानी से ट्रेक नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पेमेंट किसी कंपनी के बजाए एक व्यक्ति को जाता है, जो इनको पोस्ट या फिर ट्रेंड कराता है।पहले के चुनावों में पार्टियां एक बड़ी विज्ञापन कंपनी को नियुक्त करती थीं, जो उनके सभी प्रचार माध्यमों के लिए विज्ञापन तैयार करती थी। लेकिन अब कम्यूनिकेशन चैनल्स का दायरा बढ़ने के कारण कई कंपनियों की सेवाएं ली जाएंगी।