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बुधवार, 8 जनवरी 2020

हरियाणा: सीएम और गृहमंत्री के बीच विवाद बढ़ा, विज बोले- वेबसाइट से नहीं, नियमों से चलती है सरकार

सीएम और गृहमंत्री के बीच विवाद बढ़ा, विज बोले- वेबसाइट से नहीं, नियमों से चलती है सरकार

हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज के बीच चल रहा विवाद और बढ़ गया है। क्योंकि सीआईडी को लेकर मंत्री विज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री विज ने कहा कि सरकार वेबसाइट से नहीं, रूल ऑफ बिजनेस से चलती है। सीआईडी विभाग अभी भी गृह मंत्रालय के पास ही है। कैबिनेट के अनुमोदन के बाद विधानसभा में बिल पास करवाने के बाद ही सीआईडी मुख्यमंत्री के पास जा सकता है।

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार में बीते कई दिनों से सरकार में सीआईडी विभाग को लेकर कशमकश चल रही है है। प्रदेश सरकार के अनुसार, विधानसभा ने सभी मंत्रियों के विभागों की स्थिति स्पष्ट की है। विभागों के आवंटन के मुताबिक सीआईडी मुख्यमंत्री के पास है, जबकि गृह विभाग जिम्मा कैबिनेट मंत्री अनिल विज के पास है।

गृह मंत्री की कुर्सी संभालने के बाद विज सीआईडी को भी अपने अधीन ही समझते रहे, जबकि ये विभाग उनके पास था ही नहीं। गलतफहमी उस गजट नोटिफिकेशन से हुई जो मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के समय जारी हुआ था। उसमें सीआईडी विभाग का उल्लेख स्पष्ट तौर पर नहीं था।

विज के पास गृह विभाग दिखाया गया था, इसलिए वह समझ बैठे कि सीआईडी भी गृह विभाग का ही हिस्सा है। जबकि, सीआईडी विभाग सीएम के पास था। इसे सीएम के विभागों में विधानसभा की वेबसाइट पर 12वें नंबर पर दिखाया गया है।

सरकार में पिछले दिनों सीआईडी को लेकर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री अनिल विज के बीच टंग ऑफ वॉर भी चला। विज ने सीआईडी से विधानसभा चुनाव की वह गोपनीय रिपोर्ट देने को कहा, जिसमें विधानसभा अनुसार हार-जीत का विश्लेषण किया गया हो। सीआईडी ने इसके बजाए और रिपोर्ट भेज दी, जिसे विज ने लौटा दिया और पूरी रिपोर्ट देने को कहा।

इसके बाद ये मुदद्दा आलाकमान तक भी पहुंच गया। जिसके बाद सीएम मनोहर लाल ने अनिल विज को बातचीत के लिए बुलाया। दोनों सचिवालय से एक ही वाहन में सीएम निवास गए। इस दौरान विज को सीएम ने साफ कर दिया था कि सीआईडी विभाग उनके पास नहीं है। इसके बाद सीआईडी ने भी विज को एक लाइन का जवाब भेजा कि उन्होंने विधानसभा चुनाव का हलका अनुसार विश्लेषण किया ही नहीं है।

तब तक विज के तेवर नरम पड़ चुके थे और इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सीआईडी विभाग को सीएम के पास दिखाने पर भी विज ने कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी है। 42 वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री देवी लाल ने जनवरी, 1978 में जब भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल सेन को गृह मंत्री बनाया था, उसी समय सरकारी नोटिफिकेशन में स्पष्ट कर दिया था कि यह सीआईडी के बिना होगा। आज तक सीआईडी को सीएम अपने पास ही रखते आए हैं।

मुख्यमंत्री के पास विभाग

14 नवंबर 2019 को जारी गजट नोटिफिकेशन में मुख्यमंत्री के पास स्पष्ट तौर पर 12 विभाग वित्त, नगर तथा ग्राम आयोजन एवं शहरी संपदा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई एवं जल संसाधन, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार, सूचना, लोक संपर्क एवं भाषा, आवास, योजना, न्याय प्रशासन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, वास्तुकला, सामान्य प्रशासन दर्शाए गए थे, साथ ही यह भी उल्लेख किया गया था कि अन्य विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं, वे भी सीएम के पास रहेंगे। सीएम के पास सीआईडी विभाग, चुनाव संस्थागत वित्त एवं ऋण नियंत्रण, राजभवन मामले विभाग भी थे, जिन्हें अधिसूचना में नहीं दर्शाया गया था।

गृह मंत्री विज के पास ये विभाग

गृह, शहरी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, आयुष, मेडिकल शिक्षा व अनुसंधान, साइंस और टेक्नोलॉजी।

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