
महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में हो रही भारी बारिश और वहां बाढ़ की स्थिति पर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत की है। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के सीएम को केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा में फंसे लोगों के सुरक्षित होने की कामना भी की है। भारी बारिश की वजह से मुंबई सहित राज्य के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुलाना पड़ा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आपात बैठक बुलाकर बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति का जायजा भी लिया है। उन्होंने संबंधित विभागों और एनडीआरएफ की टीम को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने और राहत तथा बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश भी दिया है। महाराष्ट्र में बाढ़ से बिगड़ते हालात के बीच महाद में कई लोगों के बाढ़ में फंसने की खबर भी है। एनडीआरएफ की टीम को बाढ़ में फंसे लोगों तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने महाद में फंसे लोगों को निकालने के लिए आर्मी से मदद मांगी है।
पुणे में भूस्खलन
पुणे जिले में बृहस्पतिवार को भारी बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और ऊपरी गामी सेतु तथा सड़कें टूट गईं, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि पुणे शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक मुख्य बांध से पानी छोड़ा जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश के कारण इसके जल ग्रहण वाले क्षेत्रों में भंडारण क्षमता 85 फीसदी तक भर चुकी है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन एवं जलभराव की समस्या के कारण यातायात बाधित हुआ और कई स्थानों पर यातायात को रोकना पड़ा। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पुणे के लिए 'रेड अलर्ट जारी किया था, जिसे कई स्थानों पर भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया था। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, ''अंबेगांव तहसील के कोल्टेवाडी गांव में भूस्खलन की एक घटना हुई जिससे मुख्य मार्ग बंद हो गया। दिम्भे, कांसे, उगलेवाडी और गोहे गांवों में पानी से धान के खेत भर गए। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण विभिन्न छोटी नदियों पर बने ऊपरी गामी सेतु भी क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारी ने बताया कि भोर तहसील में वारंधा घाट सेक्शन पर म्हाड रोड के पास भूस्खलन हो गया।
कोंकण रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवाएं बाधित
महाराष्ट्र में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से कोंकण रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवांए प्रभावित हुई और करीब छह हजार यात्री फंस गए।कोंकण रेलवे मार्ग प्रभावित होने की वजह से अबतक नौ रेलगाड़ियों का मार्ग परिवर्तन किया गया है या रद्द किया गया है या उनके मार्ग को छोटा किया गया है। भारी बारिश की वजह से कोंकण क्षेत्र की प्रमुख नदियां रत्नागिरि और रायगढ़ जिले में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और सरकारी अमला प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लगातार हो रही बारिश से इन दो तटीय जिलों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की है। वहीं भारत मौसम विभाग(आईएमडी) ने तटीय क्षेत्रों के लिए अगले तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और नदियों के जलस्तर पर नजर रखने एवं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। कोंकण रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मार्ग पर व्यवधान के कारण नौ ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया, उन्हें गंतव्य से पहले रोका गया है या रद्द कर दिया गया है। कोंकण रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ये ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर सुरक्षित स्थानों पर हैं और उनके अंदर मौजूद यात्री भी सुरक्षित हैं। उन्हें खाने-पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है।अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण रत्नागिरि में चिपलून और कामठे स्टेशन के बीच वशिष्ठी नदी पुल का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।
उन्होंने ने कहा, '' यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस खंड पर ट्रेन सेवाएं अस्थायी तौर पर निलंबित कर दी गई हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कोंकण रेल मार्ग पर 5,500-6,000 यात्री ट्रेनों में फंस गए हैं। कोंकण रेलवे का मुंबई के पास रोहा से मंगलुरु के पास स्थित थोकुर तक 756 किलोमीटर लंबा रेल मार्ग है। महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक मार्ग चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक हैं, क्योंकि यहां कई कई नदियां, घाटियां और पहाड़ हैं। कोंकण रेलवे के प्रवक्ता गिरीश करंदीकर ने बताया कि इन ट्रेनों में सवार यात्री सुरक्षित हैं। तमाम परेशानियों के बावजूद कोंकण रेलवे यात्रियों को खाने-पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है। करंदीकर ने कहा, '' हमने सभी फंसे हुए यात्रियों को चाय, नाश्ता और पेयजल मुहैया कराने की व्यवस्था की है।
ठाणे और पालघर में भारी बारिश
मुंबई के पड़ोसी ठाणे और पालघर में भी भारी बारिश जारी है। भीषण बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया, कुछ स्थानों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं और कुछ गांव पूरी तरह डूब गए। कई नदियां कुछ स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। एनडीआरएफ की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उसकी चार टीमों को मुंबई, और एक-एक टीम को ठाणे और पालघर जिलों में तैनात किया गया है। एक टीम रत्नागिरि जिले में भी तैनात है। ठाणे जिले के सहापुर तालुका के कुछ गांव डूब गए हैं और स्थानीय अधिकारी एनडीआरएफ की मदद से वहां फंसे सैकड़ों लोगों का निकालने की कोशिश कर रही है। जलजमाव की घटनाओं से ठाणे जिले के मुंब्रा, भिवंडी, टिटवाला और कसारा इलाकों से लोगों के फंसने की जानकारी मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि वसई, विरार और पालघर में अन्य स्थानों पर बाढ़ आई है लेकिन अब तक किसी की जान जाने की सूचना नहीं है। पालघर कलेक्टर के डॉ. माणिक गुरसाल ने एक संदेश में कहा कि भूस्खलन के बाद नासिक-जवाहर मार्ग बंद कर दिया गया था। इसके बृहस्पतिवार शाम तक परिचालन फिर से शुरू होने की संभावना है। उन्होंने लोगों से त्रंबक-देवगांव-खोडाला मार्ग का इस्तेमाल करने की अपील भी की।
रायगढ़ में बारिश का कहर
रायगढ़ के जिला कलेक्टर ने बताया है कि कलई गांव में भूस्खलन की सूचना है। अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिली है कि इससे कितने लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने बताया है कि इस संबंध में एनडीआरएफ की टीम को सूचित कर दिया गया है लेकिन अत्यधिक बारिश की वजह से वहां तक पहुंचने में टीम को दिक्कतें आ रही हैं। रायगढ़ जिले में कुंडलिका, अंबा, सावित्री, पातालगंगा, गढ़ी, उल्हास सहित प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। समीक्षा बैठक के दौरान सीएम उद्धव ठाकरे ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले तीन दिनों तक इस क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस बीच, सीएमओ ने कहा कि सतारा जिले के लोकप्रिय हिल स्टेशन महाबलेश्वर में बीते 24 घंटे में 480 मिमी बारिश हुई है, जिससे सावित्री और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।