उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ MP-MLA कोर्ट ने बुधवार को गिरफ्तारी वॉरन्ट (arrest warrant) जारी किया है।
HIGHLIGHTS
- मौर्य ने मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया था।
- मौर्य के इस्तीफे के बाद उनके करीबी माने जाने वाले 3 अन्य विधायकों ने भी बीजेपी से इस्तीफा दिया।
- मौर्य ने अपने इस्तीफे के बाद कहा था कि एक-दो दिनों में और विधायक भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ेंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ MP-MLA कोर्ट ने बुधवार को गिरफ्तारी वॉरन्ट जारी किया है। बता दें कि मौर्य ने मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया था। मौर्य के इस्तीफे के बाद उनके करीबी माने जाने वाले 3 अन्य विधायकों ने भी बीजेपी से इस्तीफा दिया और मौर्य का साथ निभाने का दावा किया। गौरतलब है कि मौर्य ने अपने इस्तीफे के बाद कहा था कि अगले एक-दो दिनों में और विधायक भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ेंगे।
7 साल पुराने केस में मौर्य के खिलाफ गिरफ्तीर वॉरन्ट (Arrest warrant against Maurya in 7 year old case)
मौर्य के इस्तीफे के एक दिन बाद ही एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरन्ट फिर से जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह वॉरन्ट 7 साल पुराने एक केस में जारी किया गया है। मौर्य को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 24 जनवरी तक पेश होने का आदेश दिया है। साल 2014 में देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में बुधवार को पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अदालत में हाजिर नहीं हुए तो अपर मुख्य दंडाधिकारी MP-MLA ने आरोपित पूर्व श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पूर्ववत जारी गिरफ्तारी वॉरन्ट को जारी करने का आदेश दिया है।
नया नहीं है वॉरंट, 12 जनवरी को पेश नहीं हुए थे स्वामी (Warrant is not new, Swami did not appear on January 12)
साफ कर दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ यह नया गिरफ्तारी वॉरन्ट नहीं है। वॉरन्ट पहले से जारी था, लेकिन इन्होंने हाईकोर्ट से 2016 से इस पर स्टे ले रखा था। इसी 6 जनवरी को MP-MLA कोर्ट ने मौर्य को 12 जनवरी को हाजिर होने को कहा था, जब वह हाजिर नहीं हुए तो वॉरन्ट पूर्ववत जारी कर दिया गया।
‘बीजेपी की सरकार ने बहुतों को झटका दिया है’ ('BJP government has shocked many')
इससे पहले मंत्री पद से इस्तीफे के बाद मंगलवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मौर्य के साथ अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर साझा कर उनका सपा में स्वागत किया था। इस्तीफे के बाद मौर्य ने कहा था, ‘भाजपा नीत सरकार ने बहुतों को झटका दिया है, अगर मैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर उसे झटका दे रहा हूं तो इसमें नया क्या है? मैंने राज्यपाल को भेजे पत्र में उन सभी कारणों का उल्लेख किया है जिनकी वजह से भाजपा और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।’
‘यूपी की राजनीति स्वामी के चारों ओर घूमती है’ ('UP politics revolves around Swamy')
एक सवाल के जवाब में मौर्य ने कहा था, ‘बीजेपी के जिस नेता ने मुझसे बातचीत की उनसे मैंने ससम्मान बातचीत की। मैंने आज सुबह उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और सुनील बंसल से बात की। मेरी नाराजगी स्वाभाविक है, पार्टी के उपेक्षात्मक रवैये के कारण यह निर्णय लेना पड़ा है और मुझे इसका दुख नहीं है। नाराजगी की वजह जहां बतानी थी, बता दिया। मेरे इस्तीफे का असर 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद आपको नजर आएगा। 10 मार्च को जो भी होगा, आपके सामने होगा। उत्तर प्रदेश की राजनीति स्वामी प्रसाद मौर्य के चारों ओर घूमती है।’