Politics news from India :- चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, 14 जनवरी को नामांकन दाखिल करने वाले सपा के नाहिद हसन की उम्मीदवारी को भी मंजूरी मिल गई है।
Politics news from India HIGHLIGHTS
- 27 वर्षीय इकरा ने 21 जनवरी को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था।
- 14 जनवरी को नामांकन दाखिल करने वाले सपा के नाहिद हसन की उम्मीदवारी को भी मंजूरी मिल गई है।
- इकरा ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है और कृषि को अपनी आय का स्रोत बताया है।
Politics news from India, Noida: उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित विधानसभा सीटों में से एक माने जाने वाली कैराना में इकरा चौधरी फिलहाल विवादों में चल रहे अपने भाई और समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक नाहिद हसन के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। निर्वाचन आयोग के अनुसार, 27 वर्षीय इकरा ने 21 जनवरी को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था और उनकी उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी गई है। आयोग की वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने सपा के उम्मीदवार के रूप में भी नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया है।
वेबसाइट के मुताबिक, 14 जनवरी को नामांकन दाखिल करने वाले सपा के नाहिद हसन की उम्मीदवारी को भी मंजूरी मिल गई है। बीजेपी की मृगांका सिंह के अलावा कैराना से 4 निर्दलीय उम्मीदवारों सहित 9 अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 10 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने और उनकी जांच करने का काम समाप्त हो गया है और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 जनवरी है।
हसन को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत कैराना कोतवाली में दर्ज 2021 के एक मामले में 16 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस घटनाक्रम से ऐसी अटकले लगाई जा रही थीं कि सपा हसन की उम्मीदवारी को रद्द कर देगी और इसके बजाय उनकी बहन इकरा को इस सीट से मैदान में उतारेगी। अपने हलफनामे में, इकरा ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है और कृषि को अपनी आय का स्रोत बताया है।
इकरा और नाहिद दोनों चौधरी मुनव्वर हसन की संतान हैं, जो कैराना से 2 बार विधायक और मुजफ्फरनगर से 2 बार लोकसभा सांसद रहे। उनकी 2008 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। वर्ष 2013 में हुए दंगों के बाद शामली जिले का कैराना सुर्खियों में रहा था और 2014-2016 के दौरान कई हिंदू परिवारों के कैराना से कथित तौर पर पलायन करने की सूचना मिली थी। राज्य में हुए 2017 के चुनावों के बाद जहां बीजेपी सत्ता में आई, वहीं कैराना सीट सपा के नाहिद हसन ने जीती। कैराना में पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 10 मार्च को होगी।