India United State Bilateral Trade: व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में भारत का अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि भारत एक भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं।
भारत के सबसे बड़े trading partner के मामले में चीन से आगे निकला अमेरिका
Highlights
- Sales 2021-22 में 119.42 अरब डॉलर रहा India United State of America Bilateral Trade
- भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 76.11 अरब डॉलर पर पहुंचा
- साल 2021-22 में भारत चीन द्विपक्षीय व्यापार 115.42 अरब डॉलर रहा
- भारत एक भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में उभर रहा है
नई दिल्ली: अमेरिका (United State of America) बीते वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (Trading Partner) बन गया है। इससे दोनों देशों के बीच मजबूत होते आर्थिक रिश्तों (Economic Relationships) का पता चलता है। इस तरह भारत के साथ व्यापार के मामले में अमेरिका (United State of America) ने चीन (China) को पीछ़े छोड़ दिया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में अमेरिका और भारत का द्विपक्षीय व्यापार (India-US Bilateral Trade) बढ़कर 119.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 80.51 अरब डॉलर का था। आंकड़ों के अनुसार साल 2021-22 में भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 76.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 51.62 अरब डॉलर रहा था। वहीं, इस दौरान अमेरिका से भारत का आयात बढ़कर 43.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 29 अरब डॉलर था।
अमेरिका (United State of America) की तुलना में कम रहा भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार
आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार (India-China Bilateral Trade) 115.42 अरब डॉलर रहा, जो 2020-21 में 86.4 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष के दौरान चीन को भारत का निर्यात मामूली बढ़कर 21.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 21.18 अरब डॉलर रहा था। वहीं, इस दौरान चीन से भारत का आयात बढ़कर 94.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 65.21 अरब डॉलर पर था। वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 72.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 44 अरब डॉलर रहा था।
आगामी वर्षों में और बढ़ेगा अमेरिका (United State of America) के साथ ट्रेड
व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में भारत का अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि भारत एक भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं। वैश्विक कंपनियां अपने कारोबार का भारत और अन्य देशों में विविधीकरण कर रही हैं। खान ने कहा, ‘आगामी बरसों में भारत-अमेरिका द्वपिक्षीय व्यापार और बढ़ेगा। भारत, अमेरिका की हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा (IPEF) पहल में शामिल हुआ है। इससे आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।’
भारत (India) दुनिया का तीसरा बड़ा उपभोक्ता बाजार
भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान (IIPM), बेंगलुरु के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा कि 1.39 अरब की आबादी के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते अमेरिका और भारत की कंपनियों के पास प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण, व्यापार और निवेश के काफी अवसर हैं।
अमेरिका (United State of America) को ये उत्पाद निर्यात करता है भारत (India)
जोशी ने बताया कि भारत द्वारा अमेरिका को मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, पालिश हीरों, फार्मा उत्पाद, आभूषण, हल्के तेल आदि का निर्यात किया जाता है। वहीं अमेरिका से भारत पेट्रोलियम पदार्थ, तरल प्राकृतिक गैस, सोने, कोयले और बादाम का आयात करता है।
अमेरिका (United State of America) के साथ ट्रेड सरप्लस की स्थिति में भारत (India)
अमेरिका उन कुछ देशों में है, जिनके साथ भारत व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) की स्थिति में है। अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष 32.8 अरब डॉलर का है। 2013-14 से 2107-18 तक और उसके बाद 2020-21 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। चीन से पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।