वाराणसी। बच्चों में होने वाले विभिन्न संक्रमण एवं गंभीर जानलेवा बीमारियों से बचाव तथा बाल मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिये उन्हें प्रतिरक्षित किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को गति प्रदान करने और छूटे हुये बच्चों को शत-प्रतिशत प्रतिरक्षित करने के लिए सात सितंबर से 15 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कर ग्रामीण व शहर स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारियों को विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिये उन्हें समय से प्रतिरक्षित किया जाना आवश्यक है। यह विशेष अभियान वाराणसी जनपद सहित प्रदेश के 28 जनपदों में चलाया जाएगा। सीएमओ ने समस्त चिकित्सा प्रभारियों को निर्देशित किया कि अभियान से पहले सभी बच्चों की ड्यू लिस्ट तैयार कर ली जाए। समय से माइक्रोप्लान तैयार कर सभी टीकाकरण सत्रों को पहले से व्यवस्थित कर लिया जाए। नियमित टीकाकरण सत्र पहले की तरह बुधवार एवं शनिवार को आयोजित किये जायेंगें। इसके अतिरिक्त आवश्यकतानुसार सत्रों का आयोजन किया जा सकता है। उन्होने समस्त जनपदवासियों से अपील की है कि इस विशेष अभियान का लाभ उठाकर अपने बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं, जिस भी बच्चे का कोई भी टीका छूटा है तो उसे जरूर लगवा लें।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि नियमित टीकाकरण विशेष अभियान के तहत जिले में 6688 बच्चों को पेंटा प्रथम डोज़, 6688 बच्चों को मिजिल्स-रूबेला (एमआर) प्रथम डोज़, 10899 को एमआर द्वितीय एवं 19634 बच्चों को डीपीटी बूस्टर द्वितीय डोज़ लगाया जाएगा। इस लक्ष्य को अभियान के दौरान शत-प्रतिशत प्राप्त किया जाएगा। विशेष अभियान के दौरान कोविड टीकाकरण की गतिविधियों के कारण किसी भी नियमित टीकाकरण सत्र को प्रभावित नही किया जाएगा। जिला स्तर पर प्रतिदिन तथा राज्य स्तर पर सप्ताह में दो बार समीक्षा बैठक की जाएगी। सहयोगी संस्थाओं (डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, यूएनडीपी आदि) का तकनीकी व सुधारात्मक कार्यवाही के लिए सहयोग लिया जाएगा।
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ एके पांडे एवं उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक ने बच्चों के टीकाकरण तालिका के बारे में विस्तार से बताया कि कितने समय पर कौन सा टीका लगना है। अभियान की सफलता के लिए समुदाय की भागीदारी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। टीकाकरण के भय को दूर करते हुए टीकाकरण की मांग बढ़ाने के लिए अर्न्तविभागीय समन्वय एवं स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों जैसे ग्राम प्रधान, धार्मिक गुरू, जन प्रतिधिनिधि आदि का सहयोग लिया जाएगा। यूनीसेफ के सहयोग से टीकाकरण को इन्कार करने परिवारों को मोबिलाइज़ कर शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाएगा।
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ एके मौर्य, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, जिला नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक आशीष सिंह, समस्त ब्लॉक व नगर स्तरीय चिकित्सा प्रभारी, डब्ल्यू0एच0ओ0 से डॉ जयशीलन व डॉ सतरुपा, यूनीसेफ से डॉ शाहिद एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।
नियमित टीकाकरण तालिका -
- जन्म के समय बीoसीoजीo, ओ०पी०बी०, हेपेटाइटिस बी
- छह सप्ताह पर ओ०पी०बी०1, पेन्टावेलेन्ट 1, एफ-आई०पी०वी० 1, रोटा 1 व पीसीवी 1
- 10 सप्ताह पर - ओ०पी०वी०-2, पेन्टावेलेन्ट-2 एवं रोटा-2
- 14 सप्ताह पर - ओ०पी०वी०-3, पेन्टावेलेन्ट-3, एफ-आई०पी०वी०-2, रोटा-3 एवं पी०सी०वी०-2
- 9 माह से 12 माह तक - एम०आर०-1, पी०सी०वी० बूस्टर एवं विटामिन ए की पहली खुराक
- 16 से 24 माह - एम०आर०2, डी०पी०टी०- बूस्टर प्रथम, बी०ओ०पी०वी०- बूस्टर, एवं विटामिन ए -2
- 5 से 6 वर्ष में डी०पी०टी०-बूस्टर द्वितीय
- 10 वर्ष पर टीडी
- 16 वर्ष पर टीडी