मध्यप्रदेश में हार-जीत का गणित पेचीदा, युवा ही साबित होंगे निर्णायक

राज्य में दो ध्रुवीय चुनाव
मप्र में मुख्यत: केवल दो राजनीतिक दल हैं, जिनके वोटों का प्रतिशत दहाई अंक का है। कांग्रेस और भाजपा के बाद तीसरे नंबर की पार्टी बसपा है। 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा को कुल 21 लाख 28 हजार 333 वोट मिले थे। बसपा ने चार सीटें जीतने में सफलता पाई थी। कांग्रेस और भाजपा दोनों का अनुमान है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी तीसरे राजनीतिक दल को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगने वाली है। बसपा को इस विधानसभा चुनाव में भी 6-7 प्रतिशत वोट और 3-5 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच में ही रहने की उम्मीद है।
युवा ही बांधेंगे जीत का सेहरा
जिस दल की तरफ युवाओं का रुझान रहेगा, जीत का सेहरा भी उसी दल के नेता के सिर बंधेगा। क्योंकि 70-80 लाख युवा ऐसे हैं जो पहली बार अपने क्षेत्र के विधायक को चुनने के लिए मताधिकार का प्रयोग करेंगे।