मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव: मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए पलायन कर गए मजदूरों को लुभाने का प्रयास शुरू
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मध्यप्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज हैं और चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। इन सबके बीच अब विभाग के अधिकारी चुनाव प्रतिशत बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर गए मजदूरों को लुभाने में लग गए हैं। वेतन में वृद्धि की बात कही जा रही है ताकि पलायन कर गए मजदूर वापस आ जाएं और मतदान में हिस्सा लें। यह प्रयास उन क्षेत्रों में किया जा रहा है जहां पिछले विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत कम था।
राज्य में 2013 में औसत मतदान प्रतिशत 72.21% था। झाबुआ, भिंड, ग्वालियर, छतरपुर और टिकमग्रह में मतदान 53 से 57% तक था। इन जिलों से बड़ी मात्रा में लोग पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और गुजरात में काम की तलाश में पलायन करते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार 50 लाख लोग मध्यप्रदेश से पलायन कर चुके हैं। इनमें से 11 लाख लोग अस्थाई तौर पर हर साल पलायन कर जाते हैं।यह समस्या आदिवासी बहुल क्षेत्र बुंदेलखंड और चंबल में ज्यादा है जहां मतदान राज्य के बाकी इलाकों से कम होता है।
मध्यप्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी वी. एल.कंथाराव ने कहा है कि जिन जिलों में 2013 में मतदान प्रतिशत कम रहा वहां के जिलाधिकारी पलायन कर गए मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मुहैया कराएं। पलायन कर गए ज़्यादातर लोग मजदूर हैं। लिहाजा बिना काम गंवाए वो मतदान करने के लिए घर लौटें ये बड़ी चिंता है। माना जा रहा है कि पलायन कर गए लोग दीवाली से पहले घर लौटेंगे और मतदान तक उन्हें रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि आर्थिक रूप से उन्हें कोई नुकसान न हो। मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान होना है।