मध्य प्रदेश में जीत को लेकर भाजपा फिलहाल कोई खतरा मोल लेने को तैयार नहीं है। इस कड़ी में पार्टी ने प्रदेश में अपने 40 फीसद से ज्यादा पुराने चेहरों को बदलने की तैयारी में है। इनमें पार्टी के वह मौजूदा विधायक भी है, जो दो या तीन बार से लगातार सत्ता की मलाई चखते आ रहे है। पार्टी की कोशिश इसकी आड़ में सालों की सत्ता विरोधी लहर को कम करना भी है। फिलहाल मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रत्याशियों को लेकर अंतिम दौर की चर्चा की है।
प्रत्याशियों के चयन को लेकर भाजपा अध्यक्ष के साथ शिवराज सिंह आला नेताओं की बैठक
दिल्ली में हुई इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व शिवराज के साथ मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राकेश सिंह, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर आदि मौजूद रहे। करीब पांच घंटे तक चली इस लंबी बैठक में पार्टी ने प्रत्याशियों के चयन की एक पारदर्शी व्यवस्था बनाने की कोशिश की, जिसमें जीत की ज्यादा संभावना दिखती है। इसके तहत सभी सीटों को लेकर कराए गए सर्वे के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों की उस राय को भी अहमियत देने का फैसला लिया है, जिन नामों पर उन्होंने मुहर लगाई है।
पार्टी ने इस दौरान अपने कुछ सासंदों को भी मैदान में उतारने की योजना बनाई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो मंगलवार को अमित शाह के साथ हुई बैठक में इसे लेकर भी चर्चा हुई है। इसके अलावा पार्टी उन मंत्रियों को भी चुनाव मैदान से दूर रख सकती है, जो इन सालों में ज्यादा विवादास्पद रहे है।
पार्टी का मानना है कि उसे चुनाव में ऐसे चेहरों से बचना चाहिए, जिसको लेकर विपक्ष मुद्दा बना सकता है। इस बैठक के बाद प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया को लगभग पूरा होना माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की कई दौर की बैठक में भोपाल में भी हो चुकी है।
नेता पुत्रों पर भाजपा अध्यक्ष लेंगे फैसला
मध्य प्रदेश में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के बेटो-बेटियों के चुनाव मैदान में उतरने की दावेदारी को देख इस मामले को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर छोड़ दिया गया है। फिलहाल इस दौड़ में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा सहित पार्टी के कई नेताओं के पुत्र शामिल है।