Priyanka Gandhi आई हैं, Congress में नई रोशनी लाई हैं
प्रियंका के आने का असर
प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में उतरने का असर पड़ना तय है। प्रियंका में लोग उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अक्स देखते हैं। फिलवक्त प्रियंका विदेश में हैं और फरवरी के सप्ताह में अपना कामकाज संभालेंगी। बेबाक बयान, सहज शैली और संतुलित बयान देने में माहिर प्रियंका का युवाओं में भी क्रेज है। वह कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को अच्छी तरह समझती हैं और इसमें होने वाले तमाम बदलावों को लेकर सक्रिय भी रही हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार करते हुए विरोधियों के लिए कड़ी मुश्किल खड़ी कर दी थी। यहां तक कि बनारस से चुनाव लड़ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी रक्षात्मक लाइन लेनी पड़ गई थी। प्रियंका भले ही सक्रिय राजनीति में नहीं रही हैं, वह राजनीति की समझ रखती हैं। पिछले दस-बारह साल से वह कांग्रेस पार्टी के नेताओं, महासचिवों के लगातार संपर्क में रही हैं।
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी प्रियंका ने पर्दे के पीछे से रहकर अहम भूमिका निभाई थी। वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सबसे विश्वसनीय और करीबी सलाहकार भी हैं। खास बात यह है कि प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिल सकता है।
2019 में प्रियंका लड़ सकती हैं चुनाव
प्रियंका गांधी 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। वह रायबरेली या फिर किसी अन्य सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अभी इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। केंद्र सरकार में सत्ता का रास्ता भी उत्तर प्रदेश से होकर आता है।
एनडीए 2014 में राज्य से 73 सीटें जीतने में सफल रहा था। समाजवादी पार्टी को पांच और कांग्रेस को केवल रायबरेली, अमेठी में सफलता मिली थी। जबकि बसपा का खाता तक नहीं खुला था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार की राजनीतिक चुनौतियां 2014 से कहीं कम जटिल नहीं है। इसलिए कांग्रेस प्रियंका को चुनाव लड़ाकर विरोधियों के साथ राजनीतिक समीकरण को बदलने की पूरी कोशिश करेगी।