CBI ने खंगाले खाते-लॉकर, SP सरकार के इस 'एक दिन के काम' पर उठे सवाल

अवैध खनन से कमाई गई बेनामी संपत्ति की जांच करने के लिए बुधवार को यूपी के हमीरपुर जिला मुख्यालय स्थित तीन प्रमुख बैंकों में सीबीआई पहुंची। सीबीआई अधिकारी ने मुकदमे में नामित आरोपियों के खाते व लॉकर खंगाल कर शाखा प्रबंधकों से खातों के लेनदेन के अभिलेखों के दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। बुधवार को पट्टाधारक राकेश उर्फ पप्पू अग्रवाल, राजेंद्र द्विवेदी दोबारा पेश हुए। इसके साथ ही सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के मुनीम बाबूनारायन कुशवाहा, उमाकांत मिश्रा व एक अन्य सीबीआई के सामने पेश हुए।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई की चार सदस्यीय टीम पिछले 21 जनवरी से मुख्यालय के मौदहा बांध (निर्माणखंड) के निरीक्षण भवन में बने अस्थायी कैंप कार्यालय में अवैध खनन की जांच कर रही है। सीबीआई के अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि नियमों को दरकिनार करते हुए मौरंग के पट्टे कैसे जारी किए गए हैं। साथ ही किसके संरक्षण में सिंडीकेट का नेटवर्क चला है।

कैंप कार्यालय में मौरंग कारोबारियों, अधिकारियों व कर्मियों से जानकारी लेने के बाद बुधवार को सीबीआई के एक अधिकारी कैंप कार्यालय से निकल सीधे पंजाब नेशनल बैंक पहुंचे। वहां करीब 20 मिनट रुकने के बाद संबंधित खनन कारोबारी आरोपियों, उनके परिजनों व फर्म के बैंक खाते व लॉकर की जानकारी लेने के साथ दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। इसके बाद सीबीआई अधिकारी एचडीएफसी बैंक गए, जहां करीब दस मिनट रुके। यहां से सीबीआई अधिकारी डीएम कार्यालय पहुंचे और स्टेनो राजेश श्रीवास्तव से बात की।

करीब दस मिनट के बाद यहां से सीबीआई अधिकारी डीएम आवास पहुंचे। जहां दस मिनट रुकने के बाद सुभाष बाजार स्थित इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक पहुंचे, जहां करीब एक घंटे से अधिक रुककर खातों की जानकारी ली और लेनदेन के दस्तावेज हासिल किए। याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि मौरंग कारोबारियों के खाते खंगालने के लिए सीबीआई की छानबीन जारी है। सीबीआई अभी और भी बैंकों में पहुंचकर खाते और रिकार्ड खंगाल सकती है। फिलहाल सीबीआई की जांच और कार्रवाई से मौरंग कारोबारियों में खलबली मची है।

एक ही दिन में ही अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में 13 मौरंग के पट्टे जारी किए थे। इन पट्टों में विधि सलाहकार से भी कोई राय ली गई है या नहीं इसे लेकर भी सीबीआई के अधिकारी जांच कर रहे हैं। नियमों की अनदेखी कर जारी हुए मौरंग के पट्टों के संबंध में विधि सलाहकार मनोज त्रिवेदी को दो बार कैंप ऑफिस तलब कर पूछताछ की जा चुकी है।

अवैध खनन को लेकर सीबीआई पहले ही पांच जनवरी को हमीरपुर की तत्कालीन जिलाधिकारी बी चंद्रकला, खान अधिकारी मुईनुद्दीन, लोनिवि के रिटायर्ड कर्मी रामऔतार, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित और उनके पिता सत्यदेव दीक्षित, करन सिंह समेत 11 मौरंग कारोबारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर चुकी है। सभी आरोपितों के खिलाफ ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है। जानकार बताते हैं कि ईडी की कार्रवाई से पहले सीबीआई यहां आरोपितों के बैंकों में खातों की जांच कर रही है।