Dovel के बेटे ने नोटबंदी(Bondage) के बाद फंड बाहर भेज कर वापस लाया : Congress
Ajit Doval
कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पर सीधा हमला बोला है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने मीडिया को बताया कि यह तथ्य है कि उनके दूसरे बेटे विवेक डोभाल की कंपनी जीएनवाई एशिया ने नोटबंदी के तुरंत बाद टैक्स हैवन कैमन आईलैंड में फंड जमा कराया और फिर एफडीआई के जरिये 2017-18 के बीच वापस भारत ले आए। पार्टी ने आरबीआई से पिछले 15 सालों का आंकड़ा और नामों का खुलासा करने की मांग की है।
जयराम ने बताया कि 2000 से 2017 के दौरान कैमन आईलैंड से 8,300 करोड़ रुपये एफडीआई के जरिये आए थे। जबकि अकेले 2017-18 में इतनी ही रकम एफडीआई से आई है। उन्होंने बताया नोटबंदी के 13 दिन बाद 21 नवंबर, 2016 को जीएनवाई एशिया, जिसके निदेशक विवेक हैं, ने वहां फंड जमा किया। जयराम ने हालांकि अपने आरोप के समर्थन में कोई दस्तावेजी सबूत पेश नहीं कर पाए।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जीएनवाई एशिया की एफडीआई में क्या भूमिका है। रमेश ने सरकार से पूछा है कि विवेक डोभाल की कंपनी के दो अन्य निदेशकों में एक नाम डॉन डब्ल्यू ईबैंक्स का नाम पहले पनामा पेपर्स में भी आ चुका है। सरकार बताए कि डोभाल के बेटे शौर्य की कंपनी जियूस स्ट्रैटजिक मैनेजमेंट एडवाइजर्स और विवेक की कंपनी जीएनवाई एशिया के बीच क्या रिश्ता है। उधर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी डोभाल से जवाब मांगा है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इस मामले में पीएमओ और सुरक्षा सलाहकार की भूमिका संदिग्ध है।

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जीएनवाई एशिया की एफडीआई में क्या भूमिका है। रमेश ने सरकार से पूछा है कि विवेक डोभाल की कंपनी के दो अन्य निदेशकों में एक नाम डॉन डब्ल्यू ईबैंक्स का नाम पहले पनामा पेपर्स में भी आ चुका है। सरकार बताए कि डोभाल के बेटे शौर्य की कंपनी जियूस स्ट्रैटजिक मैनेजमेंट एडवाइजर्स और विवेक की कंपनी जीएनवाई एशिया के बीच क्या रिश्ता है। उधर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी डोभाल से जवाब मांगा है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इस मामले में पीएमओ और सुरक्षा सलाहकार की भूमिका संदिग्ध है।