13 साल पहले 26 दिनों तक धरने पर बैठी थीं Mamata Banerjee, जानें वजह

ममता ने आगे कहा, 'वह सबकुछ गब्बर स्टाइल में नियंत्रित करना चाहते हैं। यह संवैधानिक संकट है। संविधान की रक्षा किए जाने की जरूरत है। वे किसी भी चीज का सहारा ले सकते हैं। इसे रोका जाना चाहिए और इसलिए मैं सत्याग्रह कर रही हूं। केवल बंगाल में ही यह खतरा नहीं है, इसका सामना हर कोई कर रहा है। वह राजनीतिक प्रतिशोधी हैं। हमारे पास विशिष्ट इनपुट हैं कि वे कोलकाता में सांप्रदायिक तनाव को भड़काएंगे। मैं चाहती हूं कि सभी एकजुटता के साथ अपनी आवाज बुलंद करें।'
राज्य में हाल में हुई रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार के मामले में घेरने की कोशिश की थी। मुख्यमंत्री बनर्जी लगातार चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियों के होने वाले दुरुपयोग को लेकर बोलती रही हैं। रविवार को उन्होंने कहा, 'क्या आपने दुर्गापुर में पीएम द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर ध्यान दिया? क्या यह शिष्टाचार है? वह देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा हैं। मैं लंबे समय तक सांसद रही हूं। मैंने उस तरह की भाषा का कभी इस्तेमाल नहीं किया जैसी कि मेरे खिलाफ हो रही है। मैं एक महिला होने के नाते यह कभी नहीं कहती। वे संस्थानों को नष्ट करने पर तुले हुए हैं। मैं इससे बहुत दुखी हूं और इसके खिलाफ तबतक धरना करुंगी जबतक यह रुक नहीं जाता।'
आम चुनाव के मद्देनजर रविवार को हुई घटना को राजनीतिक गलियारों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। करोड़ो रुपये के पोंजी मामलों की जांच में तेजी लाने को राज्य सरकार के पर काटने के तौर पर देखा जा रहा है। बीते गुरुवार को सीबीआई ने मानिक मजूमदार को गिरफ्तार किया था जो बनर्जी की लंबे समय से सेवा में रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री का मानना है कि उनकी पार्टी से भाजपा में शामिल हुए मुकुल रॉय बंगाल में भाजपा की चुनावी पैंतरेबाजी में मदद कर रहे हैं। वह उन पुलिस अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं जो ममता के करीबी हैं।